अगर आप भी भारत में बेची हुई संपत्ति के धन को विदेश भेजने के इच्छुक हैं और अब इसकी सही कानूनी प्रक्रिया जानना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी है। जानिए हर एक कदम जिससे आसानी से विदेश पहुंच जाए आपका पैसा।
विदेशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय आसानी से भारत में अपनी संपत्ति बेचकर इस धन को विदेशी खातों में ट्रांसफर करवा सकते हैं। पहले अधिकतर, प्राइवेट तरीकों से पैसा विदेश पहुंचाया जाता था। इस तरीके को 'हवाला' के नाम से जाना जाता है। यह गैरकानूनी और अविश्वसनीय है। पूरी संभावना है कि आप अपना पैसा कभी भी न पा सकें।
एक वक्त था जब भारत से विदेश पैसा ट्रांसफर बहुत मुश्किल काम था परंतु अब कानूनीतौर पर पाए गए धन को सामान्य बैंकिंग तरीके से विदेश भेजा जा सकता है।
भारत से पैसा भेजने के कानूनी तरीके
आरबीआई ने विदेश में पैसा भेजने के लिए ऑथोराइज़्ड डिलर्स (बैंकों) को कुछ खास शक्तियां दी हैं। कुछ नियमों के पालन के द्वारा भारत से पैसा विदेश भेजा जा सकता है। अगर संपत्ति बाहर से आए पैसे या एनआरई/एफसीएनआर/एनआरओ अकाउंड में डाले गए पैसे से खरीदी गई थी, तो प्रिंसिपल अमाउंट को भारत के बाहर भेजा जा सकता है।
उदाहरण के लिए एक अप्रवासी भारतीय ने यूएसए से 250,000 डॉलर की राशि भारत में संपत्ति खरीदने के लिए भारत भेजी। मान लीजिए कि संपत्ति 350,000 डॉलर में बिकी। प्रिसिंपल अमाउंट 250,000 डॉलर तुरंत ही भेजे जा सकते हैं। बचे हुए पैसे को एनआरओ अकाउंट में जमा किया जा सकता है। पहले इस प्रक्रिया पर तीन साल तक प्रतिबंध था जिसे आरबीआई ने हटा दिया।
अगर संपत्ति रुपयों से खरीदी गई हो, तो संपत्ति बेचने से मिला धन सीधे ही अप्रवासी भारतीय के एनआरओ अकाउंट में डाली जा सकता है। अप्रवासी भारतीयों को एक फायनेंशियल ईयर में एक मिलियन यूएस डॉलर तक की राशि उनके एकआरओ अकाउंट से भेजने की इजाजत है। एक मिलियन यूएस डॉलर की लिमिट अप्रवासी भारतीय की दो अचल संपत्तियों की बिक्री पर लागू होती है।
संपत्ति से मिले धन को कैसे भेजें
भारत में संपत्ति भेजने पर मिले धन को विदेश भेजने के लिए पहली जरूरी बात है कि यह धन प्राप्ति का तरीका कानूनी बैंकिंग चैनल के माध्यम से हो। ऐसे कागज़ात जिनसे धन अर्जन का पता चले आवश्यक हैं। पैसा विदेश पहुंचाने के लिए इसे पहले एनआरओ बैंक अकाउंट में डालना जरूरी है।
सही प्रक्रिया
1. भारत में किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से एक सर्टिफिकेट प्राप्त करें। यह फॉर्म 15 सीबी (15CB) है। इसे भारत सरकार की टैक्स वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इस पर सीए का साइन इस बात का सबूत है कि पैसा कानूनी माध्यम से प्राप्त किया गया है।
2. फॉर्म 15 सीए प्राप्त करें। यह फॉर्म टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा ऑनलाइन भरा जाता है। इसे भी कार्यालय की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है। इसमें 15 सीबी में भरी कुछ जानकारी भरना जरूरी है। इसे ऑनलाइन जमा करना होता है।
3. आखिरी कदम में आपको साइंड अंटरटेकिंग और सीए के सर्टिफिकेट के साथ उस बैंक में जाना है, जहां आपका एनआरओ अकाउंट है। आपका बैंक आपका पैसा विदेश भेज देगा। बैंक को इसके बाद अन्य किसी जगह से इजाजत नहीं लेनी क्योंकि आरबीआई ने उसे ऑथोराइज़्ड डीलर घोषित कर दिया है।
बैंक में लगने वाले जरूरी कागज़ात
1. फॉर्म 15 सीए
2. फॉर्म 15 सीबी (फोटो कॉपी चार्टर्ड अकाउंटेंट के साइन के साथ)
3. फॉर्म ए2 (यह बैंक से मिलेगा)
4. विदेश पैसा भेजने के लिए एप्लीकेशन (यह फॉर्म भी बैंक से मिलेगा)
अन्य कागज़ात
1. संपत्ति के बिकने का कागज़ (फोटोकॉपी)
2. अगर संपत्ति पुश्तैनी है तो वसीयत की कागज़ (फोटोकॉपी)
3. कानूनी उत्तराधिकारी होने का सर्टिफिकेट
4. मृत्यु प्रमाणपत्र (जिसकी इंसान की मृत्यु के बाद संपत्ति पर अधिकार मिल रहा है)