वॉशिंगटन। भारतीय मूल के एक अमेरिकी भौतिकविद ने प्रकृति के मूल नियमों की जानकारी को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पित एक केंद्र स्थापित करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय को 1.1 करोड़ डॉलर की राशि दान में दी है। यह इस विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक दान में दी गई सबसे बड़ी राशि है।
यूसीएलए के चांसलर जीन ब्लॉक ने कहा कि मैं मणि भौमिक के कल्याणकारी नेतृत्व के लिए और यूसीएलए में यकीन दिखाने के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि मणि लाल भौमिक इंस्टीट्यूट फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स को सैद्धांतिक भौतिकी के अनुसंधान और बौद्धिक जांच के लिए विश्व का प्रमुख केंद्र बनना है।
भौमिक इंस्टीट्यूट में यहां आने वाले कई विद्वानों की मेजबानी करेगा, अकादमिक समुदाय के लिए गोष्ठियां और सम्मेलन आयोजित करेगा और समुदाय को यूसीएलए के भौतिकविदों द्वारा की गई वैज्ञानिक प्रगति के बारे में बताने के लिए एक सार्वजनिक संपर्क कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।
भौमिक ने बेहद गरीबी से एक प्रख्यात वैज्ञानिक बनने तक का सफर तय किया है। उन्होंने लेजर तकनीक विकसित करने में एक अहम भूमिका निभाई जिससे ‘लेजिक आई सर्जरी’ का रास्ता खुल गया।
पश्चिम बंगाल के एक सुदूर गांव में पैदा हुए भौमिक बचपन में छप्पर की छत वाली और मिट्टी से बनी झोपड़ी में चटाई पर सोते थे। वहां वे अपने माता-पिता और 6 भाई-बहनों के साथ रहते थे। (भाषा)