वाशिंगटन। अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी में दो भारतीयों पर वीजा धोखधड़ी का आरोप लगाया गया है जिन्होंने विदेशी नागरिकों से धन लेकर एक कॉलेज में नाममात्र के लिए उनका दाखिला कराया। वहां से उन्होंने अपने ग्राहकों का छात्र वीजा और पूर्णकालिक काम करने की अनुमति बरकरार रखी, जबकि वे कभी कक्षा में नहीं गए।
हरप्रीत सचदेवा (26) और संजीव सुखिजा (35) विदेशी कामगार वीजा पर हैं और वे फिलहाल न्यू जर्सी में रह रहे हैं। उन पर वीजा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
न्याय विभाग ने कल एक बयान में कहा कि पांच अप्रैल 2016 को सचदेवा और सुखिजा सहित 22 दलालों, भर्ती करने वालों और कर्मचारियों के खिलाफ विदेशी नागरिकों को यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू जर्सी (यूएनएनजे) में दाखिला दिलाने का आरोप लगाया गया था।
सचदेवा और सुखिजा न्यू जर्सी के सॉमरसेट स्थित राइट ओपीटी में कर्मचारी थे, जो कथित रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भर्ती करने और परामर्श देने वाली कंपनी है।
यूएनएनजे ने खुद को एक ऐसे स्कूल के तौर प्रस्तुत किया जिसके पास फॉर्म आई-20 जारी करने का अधिकार है।
यह फॉर्म प्रमाणित करता है कि विदेशी छात्र को स्कूल में स्वीकार कर लिया गया है और वह पूर्णकालिक छात्र होगा। यह वैध विदेशी छात्रों को एफ-1 छात्र वीजा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, सचदेवा और सुखिजा ने राइट ओपीटी के विदेशीकर्मियों से कहा कि वे यूएनएनजे में बिना कक्षा में जाए फीस देकर दाखिला ले सकते हैं। (भाषा)