मैरीलैंड। जॉन हॉपकिंस के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के अंडरग्रेजुएट छात्रों के एक दल को नेशनल कॉलेजिएट इन्वेंटर्स प्रतियोगिता के अंडरग्रेजुएट डिवीजन में पहला स्थान मिला। इस टीम का नेतृत्व भारतीय अमेरिकी पीयूष पोद्दार ने किया। उनके दल ने दिलों को दिए जाने जीवनरक्षक शॉक्स (झटकों) को सुधारने के लिए एक-दो हिस्सों वाला सिस्टम बनाया।
कॉलेजियट इनवेंटर्स प्रतियोगिता का संचालन इनवेंट नाऊ और नेशनल इनवेंटर्स हॉल ऑफ फेम द्वारा किया जाता है। इसके विजेता की घोषणा 12 नवंबर को की गई थी। इससे पहले फाइनलिस्ट टीमों ने अपने प्रोजेक्ट्स को प्रतियोगिता के जजों के सामने रखा था। ये जज यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस, अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया में मौजूद थे। इस वर्ष जजों ने 13 प्रविष्टियों का आकलन किया।
तेरह में से छह टीमें अंडरग्रेजुएट और सात ग्रेजुएट प्रोजेक्ट्स से जुड़ी थीं जिनमें कुल 31 छात्र शामिल थे। ये प्रोजेक्ट्स समूचे अमेरिका की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस की ओर से प्रस्तुत किए गए थे। निर्णय घोषित होने के बाद सभी फाइनलिस्टों को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया गया जहां वे राष्ट्रपति बराक ओबामा के विज्ञान और तकनीक पर वरिष्ठ सलाहकार जॉन होल्डन से मिले।
जॉन हॉपकिंस के इन आठ छात्रों ने द प्रेस्टोपैच सिस्टम विकसित किया जिसने उन्हें शीर्ष पुरस्कार दिलाया। उल्लेखनीय है कि प्रतियोगिता के इस वर्ग में जॉन हॉपकिंस की टीम ने लगातार दूसरे वर्ष यह सम्मान हासिल किया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में प्लेन्सबरो, न्यूजर्सी के निवासी टीम लीडर पोद्दार ने कहा, हमें बहुत कड़ा मुकाबला करना पड़ा।