भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह और फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने मंगलवार को परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान तथा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई।
भारत के लिए मंगलवार का दिन अत्यंत गौरवशाली था। इस दिन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के भव्य समारोह में 'मुख्य अतिथि' के रूप में शामिल हुए। डॉ. सिंह के स्वागत में सरकोजी ने कहा- 'भारत दुनिया के महान लोकतंत्रों में से एक है और 21वीं सदी की बहुत बड़ी ताकत भी। सभी बड़े वैश्विक मुद्दों में भारत की भागीदारी जरूरी है।' इसके पहले परेड का नेतृत्व भारतीय सेना के तीनों अंगों के एक दल ने किया। इस दौरान वहाँ सेना के बैंड ने 'सारे जहाँ से अच्छा... हिन्दोस्ताँ हमारा' बजाया।
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समारोह के बाद डॉ. सिंह ने कहा कि उन्हें यह सम्मान दिया जाना दोनों देशों के बीच की दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी तथा सेनाओं के बीच सहयोग दर्शाता है। फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस परेड में हिस्सा लेकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की टुकड़ी को परेड का नेतृत्व सौंपना गौरव की बात है।
उन्होंने कहा- "4 जुलाई सिर्फ फ्रांस ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण तारीख है। फ्रांस की क्रांति का दुनिया के इतिहास में एक खास मुकाम है क्योंकि इसी से राजनीतिक और सामाजिक जीवन में केंद्रीय भूमिका निभाने की आम जनता की इच्छाओं के साकार होने की शुरुआत हुई थी।
कुछ खास अंश - फ्रांस में गूँजा... 'हिंदोस्ताँ हमारा'।
- फ्रांस में विदेशी मेहमानों को यह सम्मान देने की परंपरा नहीं।
- फ्रांस की परेड में 'मुख्य अतिथि' बनने वाले मनमोहनसिंह पहले भारतीय।