-
प्रकाश सुनील
- प्रकाश सुनील
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था 'ह्युमैन राइट्स वाच' ने संयुक्त अरब अमीरात 'यूएई' पर सादियत द्वीप में संग्रहालय और आर्ट गैलरी के निर्माण में लगे हजारों एशियाई मजदूरों का शोषण करने का आरोप लगाया है।
संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई में मजदूर नारकीय परिस्थितियों में रहने को अभिशप्त हैं। अधिकांश मजदूर झुग्गियों में रहते हैं। कड़ी धूप और उमस के माहौल में उनसे अधिक समय तक काम लिया जाता है। नियोक्ता उन्हें घर जाने से रोकने के लिए उनका पासपोर्ट अपने पास रख लेते हैं।
सादियत द्वीप को देश के सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। फ्रांस के लूवर संग्रहालय और न्यूयार्क के गगनहीम संग्रहालय के भी वहाँ अपनी शाखाएँ खोलने की योजना है। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी अगले सप्ताह अपनी आबू धाबी यात्रा के दौरान लूवर संग्रहालय की शाखा की आधारशिला रखेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मजदूरों को काफी कम मेहनताना दिया जाता है और वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की स्थिति में भी नहीं हैं। यहाँ तक कि वे नौकरी भी नहीं छोड सकते। रिक्रूटमेंट एजेंसियों ने तरह..तरह के गैरकानूनी तरीके अपनाकर उन्हें कर्जदार बना रखा है जिससे उनके पास अन्यत्र जाने का कोई मौका नहीं है।
हालाँकि यूएई सरकार ने ह्यूमैन वाच ग्रुप की इस रिपोर्ट का खंडन किया है। विदेश राज्यमंत्री अनवर मोहम्मद गरगश ने एक बयान में कहा कि संस्था ने सरकार द्वारा मजदूरों की दशा सुधारने की दिशा में उठाए गए कदमों को नजरअंदाज किया है।