Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

योगेलेनियन विवि में दिखा हिन्दी प्रेम

Advertiesment
हमें फॉलो करें योगेलेनियन विवि में दिखा हिन्दी प्रेम
- विनोद अग्निहोत्र
ND

पिछले करीब सौ सालों से हिन्दी और संस्कृत ने पोलैंड को भारत के साथ जोड़े रखा है। यह काम प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कोपरनिकस और पोप जॉन पॉल द्वितीय को शिक्षा देने वाले उस ऐतिहासिक योगेलेनियन विवि ने किया है जो पिछले सात सौ वर्ष से भी ज्यादा समय से इतिहास के तमाम झंझावातों को झेलने के बावजूद अपने शैक्षिक मूल्यों पर अडिग खड़ा है।

इसकी एक झलक शनिवार को राजधानी वारसा से करीब पाँच सौ किमी दूर क्राको शहर में तब देखने को मिली जब राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल की यहाँ हिन्दी और संस्कृत के विद्वानों और विद्यार्थियों से मुलाकात हुई। क्राको में राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल ने योरप के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में एक योगेलेनियन विवि का दौरा किया।

वहाँ उन्होंने हिन्दी और संस्कृत के शिक्षा केंद्र में पढ़ाने वाले शिक्षकों कुलपति एवं अन्य अधिकारियों को यहाँ आयुर्वेद की शिक्षा शुरू करने का सुझाव दिया। विवि के अधिकारियों ने श्रीमती पाटिल के सुझाव को सिर माथे लिया।

इस विश्वविद्यालय में पिछले सौ सालों से संस्कृत और हिन्दी की शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा- मैंने पाया कि हिन्दी के प्रति यहाँ बहुत प्रेम है। पोलैंड के लोग हिन्दी सीखना चाहते हैं और भारत के बारे में जानना चाहते हैं। कोपरनिकस भी यहीं पढ़े थे और इंडोलॉजी की शिक्षा यहाँ प्रमुख विषय है। इसलिए राष्ट्रपति पाटिल ने यह सुझाव दिया है कि विवि में आयुर्वेद की शिक्षा भी दी जानी चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi