1968 में मैक्सिको सिटी में आयोजित हुए ओलिम्पिक खेलों में पहली बार विजेताओं को डोपिंग टेस्ट से गुजरना पड़ा। इस परीक्षण से पता चलता है कि कहीं खिलाड़ी ने किसी प्रकार की शक्तिवर्धक औषधि तो नहीं ली है।
आधुनिक पेंटाथलॉन में भाग लेने वाले स्वीडन के हैंस-गुनार लिलजेंवाल इसका पहला शिकार बने। इस परीक्षण से पता चला कि उन्होंने काफी शराब पी रखी थी।
मैक्सिको ओलिम्पिक खेलों की अन्य विशेषताएं
* इस ओलिम्पिक से महिलाओं को लिंग परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ा। कई बार पुरुष महिलाओं का रूप बनाकर खेलों में भाग चुके थे, इसलिए ऐसी व्यवस्था करनी पड़ी।
* 1968 में पहली बार टार्टन नामक एक कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल ट्रैक पर किया गया।
* 1968 में एथलेटिक्स, साइकलिंग, नौकायन, कनोइंग, तैराकी और घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में हाथ-घड़ी और इलेक्ट्रॉनिक घड़ी दोनों का इस्तेमाल किया गया।
* उद्घाटन समारोह में ज्योतिपात्र जलाने वाली पहली महिला बनी मैक्सिको की बाधा दौड़ धाविका एंरिक्वेटा बैसिलियो।
* पोलैंड की यूलालिया रोलिंस्का और पेरू की ग्लाडीस दी सेमिनारियो निशानेबाजी में भाग लेने वाली पहली महिलाएं बनीं। संयुक्त राज्य की व्योमिया टाइयस 100 मीटर फर्राटा दौड़ में लगातार दूसरी बार पदक जीतने वाली पहली महिला बनी।