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ओलिम्पिक में भारत का निराशाजनक प्रदर्शन

नेहा टेबल टेनिस एकल के पहले ही दौर से बाहर

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बीजिंग (भाषा/वेबदुनिया) , सोमवार, 18 अगस्त 2008 (15:15 IST)
ओलिम्पिक खेलों में सोमवार की सुबह भारत के लिए कोई अच्छी खबर लेकर नहीं आई। टेबल-टेनिस में जहाँ नेहा अग्रवाल की चुनौती पहले ही दौर में दम तोडगई, वहीं दूसरी ओर तिहरी कूद में भारत के रंजीत माहेश्वरी 35वें स्थान पर रहे। मंगलवाएथलेटिक्मेअंजबॉबजॉर्लंबकूमेअग्निपरीक्षहै

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पहली बार ओलिम्पिमें उतरी नेहा अग्रवाल का अभियान महज 34 मिनट तक चला और भारत की अकेली महिला टेबल-टेनिस खिलाड़ी अच्छी शुरुआत के बाद थकान हावी होने के कारण पहले ही दौर में हार गई। दिल्ली की इस युवा खिलाड़ी का सामना उम्र में उससे दुगुनी चीन में जन्मी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जियांग फांग ले से था, जिसने उन्हें 10-12, 11-8, 13-11, 11-8, 11-4 से हराया।

इस 35 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई से पिछले दो मैचों में पराजित नेहा का इरादा इस बार बदला चुकता करने का था। पहले गेम में मुकाबला काँटे का था और एक समय स्कोर 8-8 से बराबर था। इसके बाद नेहा ने पाँच मिनट के भीतर गेम जीतकर अपने प्रतिद्वंद्वी को चौका दिया।

दूसरे गेम में भी नेहा सतर्क दिखी और उन्होंने 4-2 की बढत भी बना ली। ले ने हालाँकि तुरंत संभलते हुए हमले बोलने शुरू किया, जिससे नेहा उबर नहीं सकी।

तीसरे गेम की भी यही कहानी थी। नेहा ने 10-8 की बढ़त लेने के बाद विरोधी को हावी होने का मौका दे दिया। चौथे गेम में 8-8 से बराबरी करने के बाद आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने अगले तीन प्वाइंट अपनी झोली में डालकर गेम जीत लिया।

चौथे गेम के बाद ही मैच का नतीजा निकल गया था लेकिन औपचारिकता के लिए पाँचवाँ गेम भी खेला गया। नेहा ने मैच के बाद कहा कि मैं इससे बेहतर खेलकर जीत सकती थी,लेकिन हार के बावजूद मैं काफी सकारात्मक सीख लेकर जाऊँगी।

उन्होंने कहा कि मैं पहले भी उससे दो बार हार चुकी थी और दोनों नजदीकी मुकाबले थे। मुझे इस बार अपनी गलतियासुधारनी थी लेकिन हालात मेरे अनुकूल नहीं रहे। उनका बैकहैंड बेहतर था और मैं ठीक से स्मैश भी नहीं लगा पा रही थी। कुल मिलाकर यह अच्छा अनुभव रहा। मुझे खुशी है कि मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की।

रंजीत तिहरी कूद में 35वें स्थान पर : भारतीय एथलीटों की समस्याओं का कोई अंत नहीं है और रंजीत माहेश्वरी 18 एथलीटों की त्रिकूद के ग्रुप 'बी' क्वालीफिकेशन राउंड में अंतिम स्थान और कुल 37 खिलाड़ियों में 35वें स्थान पर रहे।

रंजीत के नाम 17.04 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड भी है। लेकिन वह पहले प्रयास में केवल 15.77 मीटर ही कूद सके। इसके बाद अपने दो प्रयासों में वह इस मार्क से बेहतर नहीं कर सके जिससे 37 एथलीटों की त्रिकूद स्पर्धा में वह 35वें स्थान पर रहे।

इस 22 वर्षीय त्रिकूद एथलीट का यह निराशाजनक प्रदर्शन था। उन्होंने जून 2007 में एशियाई ग्रां प्री के गुवाहाटी चरण में 17.05 मीटर की दूरी तय कर बीजिंग के लिए क्वालीफाइ किया था, जिससे वह 17 मीटर का मार्क करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने थे।

इसके बाद उन्होंने एशियाई ट्रैक और अम्मान में हुई फील्ड प्रतियोगिता में भी ऐसा ही शानदार प्रदर्शन किया था। ग्रुप 'ए' और 'बी' से शीर्ष 12 त्रिकूद एथलीट ही फाइनल राउंड के लिये क्वालीफाइ कर पाए।

रंजीत ने 15.77 मीटर से शुरूआत की और तीसरे में वह 15.51 मीटर की दूरी ही तय कर सका। दूसरे प्रयास में वह इन दोनों के बीच में ही रहे।

रंजीत ने 2005 अंतर रेलवे मीट में 16.42 मीटर दोहा एशियाई खेलों में 16.54 मीटर और 2007 में कोलकाता में हुए फेडरेशन कप में 16.72 मीटर की दूरी तय की थी। इसके बाद ही इस एथलीट ने जून 2007 में गुवाहाटी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर ओलिम्पिक 'बी' क्वालीफाय नार्म हासिल की थी।

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