एक पार्क में तीन सुन्दर कन्याएँ घास पर बैठकर बातें कर रही थी। उनमें से एक अंधी थी, दूसरी लंगड़ी और तीसरी गंजी।
एकाएक अंधी ने जोर से कहा, 'वाह ! कितना सुन्दर फूल खिला है वहाँ पर !'
लंगड़ी ने जवाब दिया, 'रुक, मैं अभी दौड़कर फूल तोड़ लाती हूँ।'
गंजी फटके से बोली, 'लाकर मेरे सिर पर लगा देना।'