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भारतीय पहलवानों ने ताल ठोंकी

बीजिंग ओलिम्पिक में जीतेंगे पदक

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नई दिल्ली (वार्ता) , बुधवार, 13 अगस्त 2008 (18:31 IST)
बीजिंग ओलिम्पिक में भारतीय उम्मीदों को रोशन करने जा रहे तीन पहवानों सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और राजीव तोमर ने आत्मविश्वास के साथ आज ताल ठोंकते हुए कहा कि वे इन खेलों में पदक जीतेंगे।

बीजिंग ओलिम्पिक के फ्रीस्टाइल कुश्ती मुकाबलों में योगेश्वर दत्त 60 कि.ग्रा., सुशील कुमार 66 कि.ग्रा. और राजीव तोमर 120 कि.ग्रा. वर्ग में हिस्सा लेंगे। इनके साथ कोच के रुप में पंजाब के पीआर सौंधी और मैनेजर के रुप में भारतीय कुश्ती महासंघ के महासचिव करतारसिंह जा रहे हैं। भारतीय कुश्ती दल बुधवार को देर रात बीजिंग के लिए रवाना होगा।

अपनी रवानगी से पूर्व तीनों पहलवानों ने भरोसा दिलाया कि वे ओलिम्पिक में पदक जीतने लायक प्रदर्शन करेंगे1 हालांकि करतार ने कहा कि बहुत कुछ ड्रॉ पर निर्भर करेगा। यदि पहलवानों को शुरुआत में बाय मिल जाता है तो उनका आगे का काम आसान हो सकता है।

महाबली सतपाल के शिष्य सुशील से ओलिम्पिक में काफी उम्मीद लगाई हैं। सुशील ने कहा कि इन खेलों में जो 20 पहलवान हिस्सा ले रहे हैं। उनमें से मैं आधे को हरा चुका हूँ। इन्हीं पहलवानों से मेरा मुकाबला होना है, इसलिए मुझे विश्वास है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूँगा।

सुशील दोहा एशियाड के स्वर्ण पदक विजेता कोरियाई पहलवाल को हरा चुके हैं। उन्होंने इस वर्ष मार्च में दक्षिण कोरिया में एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में 66 कि.ग्रा. वर्ग में रजत पदक जीता था।

सुशील के साथ-साथ योगेश्वर भी 1982 के एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता सतपाल के शिष्य हैं। योगेश्वर ने एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में 60 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य तो स्वर्ण हैं। हमें मुख्य चुनौती एशियाई पहलवानों से मिलेगी, जिनमें से मैंने कइयों को हराया है। योगेश्वर ने कहा कि उनके सामने रुस, ईरान और कजाखिस्तान के पहलवानों की चुनौती रहेगी।

हैवीवेट वर्ग के राजीव तोमर ने स्विटजरलैंड में ओलिम्पिक क्वालीफाइंग राउंड में दुनिया के जाने माने पहलवानों को पराजित कर रजत पदक जीता था। तोमर ने कहा कि मेरे लिए मुकाबला मुश्किल रहेगा। हालाँकि मुझे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर नहीं मिल पाया था, लेकिन मैं संघर्ष करुँगा और पदक जीतने की पूरी कोशिश करुँगा।

भारतीय दल के मैनेजर करतार आशान्वित तो नजर आ रहे हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि बहुत कुछ ड्रॉ पर निर्भर करेगा। करतार ने कहा कि हम इस बार पूरी तैयारी के साथ जा रहे हैं। पहलवानों का प्रदर्शन बहुत कुछ ड्रा पर निर्भर करेगा। यदि पहलवानों को एक बाई मिल जाए तो उनके लिए 'एडवांटेज' की स्थिति रहेगी।

उन्होंने साथ ही कहा कि पहले यह माना जाता था कि ड्रॉ में साँठगाँठ की जाती है, लेकिन अब ड्रॉ पारदर्शी रहता है और हमें उम्मीद है कि हमारे पहलवानों को अच्छा ड्रॉ मिलेगा। यह पूछने पर कि क्या पहलवानों के साथ व्यक्तिगत कोच को जाना चाहिए? करतार ने कहा कि सरकारी दिशा निर्देश है कि एक ही कोच जा सकता है और सोंधी कोच के रुप में जा रहे हैं।

इस बीच केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा इस्पात मंत्री रामविलास पासवान ने इन पहलवानों को ओलिम्पिक में अच्छे प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएँ दीं। इस्पात मंत्रालय के अधीन स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) इन तीन पहलवानों का राष्ट्रमंडल खेल 2010 की तैयारियों के लिए खर्च उठा रहा है। सेल के अध्यक्ष एसके रंगटा ने विश्वास व्यक्त किया कि ये पहलवान ओलंपिक से पदक लेकर आएँगे। ओलिम्पिक में फ्रीस्टाइल कुश्ती के मुकाबले 19 अगस्त से शुरु होंगे।

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