बीजिंग ओलिम्पिक खेलों की फुटबॉल स्पर्द्धा के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के हाथों 0-3 के हार के बाद ब्राजील के कोच डुंगा का बतौर प्रशिक्षक भविष्य अधर में लटक गया है।
हाल में टीम के खराब प्रदर्शन का बोझ लेकर बीजिंग पहुँचे डुंगा की मुश्किलें ब्राजील की अर्जेंटीना के हाथों शर्मनाक हार के बाद और बढ़ गई हैं। अब उनकी टीम काँस्य पदक के लिए शुक्रवार को शंघाई में बेल्जियम से भिड़ेगी।
हालाँकि डुंगा केलिए इस मैच का खास महत्व नहीं है क्योंकि खराब प्रदर्शन के बाद कसौटी पर खरा उतरने के लिए उनके कंधों पर ब्राजील को पहली बार ओलिम्पिक का स्वर्ण दिलाने की जिम्मेदारी थी।
डुंगा की पैरागुवे के खिलाफ मैच में मैदान पर अतिरक्षात्मक रवैय्या अपनाने के लिए खासी आलोचना की गई थी। उसके बाद अर्जेंटीना के विरुद्ध सेमीफाइनल में भी बचाव वाला रुख अख्तियार करने केलिए उन्हें खरीखोटी सुननी पड़ी थी।
डुंगा ने हालाँकि कहा था कि अर्जेंटीना के खिलाफ मैच वाला दिन ब्राजील के लिए भाग्यशाली नहीं था। इसके अलावा उनके खिलाड़ी प्रतिद्वंदी टीम के फारवर्ड लियोनेल मेसी का तोड़ भी नहीं ढूँढ सके।
ब्राजील के कोच का भविष्य अगले महीने तक तो सुरक्षित नजर आता है क्योंकि सितम्बर की शुरुआत में टीम को विश्वकप केलिए क्वालीफाई कर चुकी दो टीमों चिली तथा बोलीविया के खिलाफ मैच खेलने हैं और इतने कम समय में किसी दूसरे कोच केलिए टीम के साथ तालमेल बैठाना आसान नहीं होगा। अब यह समय ही बताएगा कि डुंगा इस अवसर को असाधारण ढंग से भुनाकर पद बचा पाते हैं या नहीं।