ओलिम्पिक में क्रिकेट को शामिल करने को लेकर हो रहे वाद विवाद के बीच आईसीसी ने संकेत दिया है कि ट्वेंटी-20 क्रिकेट 2020 के ओलिम्पिक का हिस्सा हो सकता है।
इन दिनों बीजिंग में मौजूद आईसीसी अध्यक्ष डेविड मोर्गन ने इस मसले पर अपनी राय जताने में हालाँकि काफी एहतियात बरती है।
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट जहाँ क्रिकेट के लघुतम स्वरूप ट्वेंटी-20 को ओलिम्पिक में शामिल किए जाने के हिमायती हैं वहीं इयान चैपल इसके सख्त खिलाफ हैं।
दूसरी ओर मोर्गन दो टूक राय इसलिए व्यक्त नहीं कर सकते क्योंकि वे ऐसे संगठन के प्रमुख हैं जो अपने सबसे ताकतवर सदस्यों की सहमति के बिना फैसला नहीं ले सकता। तिस पर तुर्रा यह कि सभी सदस्यों में आपस में एक राय कम ही बन पाती है।
ओलिम्पिक में 1900 में एक बार खेला गया क्रिकेट फिर 2020 में इसका हिस्सा हो सकता है। उससे पहले नहीं। क्रिकेट प्रशासकों पर अक्सर धन के पीछे भागने का आरोप लगाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक परिषद से मान्यता का सबसे बड़ा नुकसान उसे आर्थिक तौर पर ही हो सकता है।
मोर्गन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का पहला कदम क्रिकेट को और परिषद को आईओसी से मान्यता दिलाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे कई छोटे देशों के लिए यह अहम है क्योंकि आईओसी से मान्यता मिलने पर उन्हें आर्थिक दिक्कतों से नहीं जूझना होगा।
मोर्गन का मानना है कि ट्वेंटी-20 क्रिकेट को ओलिम्पिक में शामिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी। एक ओर ट्वेंटी-20 लीग के कारण क्रिकेट प्रशासकों को आईसीसी के व्यस्त कार्यक्रम से तालमेल बिठाने में वैसे ही दिक्कत हो रही है ऐसे में मोर्गन ने स्वीकार किया कि एक और टूर्नामेंट के लिए समय निकालना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक ट्वेंटी-20 क्रिकेट और आईसीसी कैलेंडर का तालमेल कायम नहीं होता ओलिम्पिक में क्रिकेट की भागीदारी में यह अवरोधक ही रहेगा। उन्होंने कहा इस बारे में क्रिकेट प्रशासकों को सावधानी से सोचना होगा।
मोर्गन ने कहा इस दौरे पर हम क्रिकेट को ओलिम्पिक खेल बनाने की संभावनाओं पर विचार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 2020 ओलिम्पिक तक ऐसा हो जाएगा, लेकिन आईसीसी और आईओसी को पहले अपना पक्ष समझना होगा।
खिलाड़ियों को ओलिम्पिक में भाग लेने के लिए सीधे कोई भुगतान नहीं होता है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलियाई विकेटकी पर गिलक्रिस्ट का कहना है कि ओलिम्पिक खेलने का मौका वह कभी नहीं चूकेंगे। उन्होंने एक भारतीय अखबार में अपने कॉलम में कहा कि क्रिकेटरों को पैसे की चिंता नहीं है।
ओलिम्पिक पोडियम में शिखर पर खड़े होना ओलिम्पिक पदक पहनना और राष्ट्रगीत गाना एक ऐसा अनुभव हे जिसे दुनिया भर की दौलत से भी नहीं खरीदा जा सकता। वहीं चैपल का कहना है कि शीर्ष टीमों के कुछ खुशकिस्मत खिलाड़ियों के लिए ओलिम्पिक अच्छा हो सकता है लेकिन समग्र रूप से क्रिकेट को इससे कोई फायदा नहीं होगा।