भारत के जितेंद्रकुमार ने उज्बेकिस्तान के तुलाशबाय डोनियोरोव को हराकर शनिवार यहाँ बीजिंग ओलिम्पिक की मुक्केबाजी स्पर्धा के 51 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, जिससे उनके और पदक के बीच में सिर्फ एक जीत का अंतर है।
पहली बार ओलिम्पिक में शिरकत कर रहे हरियाणा के इस 21 वर्षीय मुक्केबाज ने 13.6 से जीत दर्ज करके अंतिम आठ में जगह बनाई, जिससे वह ओलिम्पक पदक के करीब पहुँचने वाले दूसरे भारतीय मुक्केबाज बन गए हैं। इससे पहले कल अखिलकुमार ने 54 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।
जितेंदर को क्वार्टर फाइनल में 20 अगस्त को तीन बार के यूरोपीय चैम्पियन रूस के जार्जी बालाक्सिन की कड़ी चुनौती का सामना करना है, जिससे वह 2007 में शिकागो में विश्व चैम्पियनशिप में मात्र एक अंक से हार गए थे।
जितेंद्र ने अगले दौर के कड़े मुकाबले के बारे में कहा कि उसके खिलाफ मुकाबला काफी मुश्किल होगा। पिछली बार जब हम भिड़े थे तो यह काफी करीबी मुकाबला था और वह (बालाक्सिन) भाग्य के सहारे जीतने में कामयाब रहा था लेकिन इस बार मेरी तैयारी बेहतर है।
जितेंदर ने कहा कि इस बार मैं उसे नहीं छोडूगाँ। अखिल ने उसे अतीत में हराया है और मैं अखिल से पूछूँगा कि उसे कैसे मात दी जा सकती है। दूसरी तरफ रिंग के बाहर अखिल साथी मुक्केबाजों को सलाह देने में व्यस्त रहे।
जितेंदर ने कहा कि मैं उसे (अखिल) देख रहा था और वह मुझे निर्देश दे रहा था। उसने मुझे आक्रामक होने और फिर पीछे हटने की सलाह दी। उसने तुलाशबाय का सामना किया है और जानता है कि उसे कैसे हराना है। मैं इस जीत को अखिल को समर्पित करता हूँ। वह मेरे लिए सबकुछ है और मैं उसके लिए पदक जीतना चाहता हूँ।
मुकाबले के दौरान काफी गहमागहमी देखने को मिली। जितेंदर ने शुरू से ही दबदबा बनाया और बाएँ पंच के साथ जीत दर्ज की। भारतीय ने मजबूत शुरुआत करते हुए पहले राउंड में 4.1 की बढ़त बनाई और दूसरे दौर के बाद इसे 5.1 कर दिया। तीसरे दौर में डोनियोरोव की हताशा साफ नजर आने लगी और वह अपने मुक्के सही जगह पर लगाने में नाकाम रहे। उज्बेकिस्तान के इस मुक्केबाज ने इसके बाद रिंग में रफ खेल दिखाया जिसका खामियाजा उन्हें दो अंक की पेनल्टी के रूप में भुगतना पड़ा।
दूसरी तरफ जितेंद्र ने अपना आक्रामक रवैया कायम रखते हुए तीसरे राउंड के अंत तक अपनी बढ़त को 11.4 कर दिया। डोनियोरोव पर जहाँ गुस्सा हावी हो रहा था वहीं स्थिति जितेंद्र के नियंत्रण में थी। हालाँकि चौथे दौर की शुरुआत में वह भी धैर्य खो बैठे और उन पर दो अंक की पेनल्टी लगी। इसका हालाँकि अंतिम स्कोर पर अधिक अंतर नहीं पड़ा और जितेंदर ने अपने ताकतवर मुक्कों से विरोधी को पस्त कर दिया। इससे पहले आज सुबह एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल में बालाक्सिन ने एशियाई चैम्पियन कजाखस्तान के मिरात सरसेमबायेव को 12.4 से हराया था।