बीजिंग ओलिम्पिक में पदक उम्मीद माने जा रहे लिएंडर पेस और महेश भूपति के टेनिस युगल मुकाबले में हारने के साथ ही इस स्पर्धा में पदक जीतने का ख्वाब का करोड़ों भारतीयों का अरमान चकनाचूर हो गया।
भारी दबाव के बीच इंडियन एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पेस और भूपति की जोड़ी तिरंगे की खातिर ओलिम्पिक में एक साथ खेलने पर सहमत हुई थी। तब करोड़ों भारतीयों को लगा था कि शायद इस बार कुछ करिश्मा हो जाए, लेकिन स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर और स्तेनिस्लास वावरिंका की जोड़ी के सामने भारतीय जोड़ी पानी माँगती हुई नजर आई।
स्विस जोड़ी ने पहला सेट बड़ी ही आसानी के साथ 6-2 से जीत लिया। तीन ग्रैंड स्लैम विजेता पेस और भूपति की जुगलबंदी क्वार्टर फाइनल में स्विस जोड़ी के खिलाफ पूरी तरह बिखरी हुई नजर आई और उन्हें 2-6, 4-6 से हार का सामना करना पड़ा।
बारिश के कारण गुरुवार रात यह मैच पूरा नहीं हो पाया था। उस समय भारतीय जोडी पहले सेट में 1-4 से पिछड रही थी। हालाँकि पेस और भूपति ने दूसरे सेट में कुछ संघर्ष करने की कोशिश की, लेकिन वे स्विस जोड़ी से पार पाने में नाकाम रहे।
स्विटजरलैंड के फेडरर एकल में गुरुवार को अमेरिका जेम्स ब्लेक से हारकर ओलिम्पिक से बाहर हो चुके थे। लेकिन युगल मुकाबले में फेडरर जीत के इरादे से कोर्ट में उतरे और कभी दुनिया में नंबर एक रही पेस और भूपति की जोड़ी को पराजित कर दिया। फेडरर की तेज सर्विस के सामने भारतीय जोड़ी बेबस नजर आई।
इसके अलावा पेस और भूपति का कोर्ट में तालमेल भी अच्छा नहीं दिखाई दे रहा था। दुनिया में अपनी ताकतवर सर्विस के लिए जाने जाने वाले फेडरर ने जिस तरह दोनों सेटों में सर्विस डाली, वह वाकई लाजवाब थी।
पहले सेट में आसानी से जीतने के बाद स्विस जोड़ी को दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी से कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। पेस और भूपति ने इस सेट में चार गेम जीते। लेकिन अंतत: भारत को इस बार भी टेनिस में ओलिम्पिक से खाली हाथ लौटना था और हुआ भी यही स्विस जोड़ी ने दूसरा सेट 6-4 से जीत लिया।
इस हार के साथ ही आजादी की 61वीं वर्षगाँठ के जश्न में डूबे भारतीयों का चेहरा धुंधला पड़ गया। जिस स्पर्धा में उन्हें पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी, वहीं उम्मीद धूल धूसरित हो चुकी थी। टेनिस युगल का ओलिम्पिक पदक दिलाने का सपना एथेंस ओलिम्पिक की तरह यहाँ भी एक बार फिर दम तोड़ गया।