Shree Sundarkand

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बीजिंग में अभिनव बिंद्रा का अपमान

Advertiesment
हमें फॉलो करें भारत अभिनव बिंद्रा निशानेबाजी बीजिंग ओलिम्पिक
बी‍जिंग , बुधवार, 13 अगस्त 2008 (15:09 IST)
- वेबदुनिया न्यूज

ओलिम्पिक खेलों में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले अभिनव बिन्द्रा के साथ जो कुछ मंगलवार को हुआ, वह तमाम भारतीयों के लिए अपमानजनक था। बिंद्रा आधे घंटे तक कार का इंतजार करते रहे लेकिन जो कारें आई उसमें भारतीय ओलि‍म्पिक संघ के पदाधिकारी फुर्र हो गए और मजबूर होकर बिंद्रा को टैक्सी पकड़नी पड़ी।

बिंद्रा की इच्छा थी कि वह ओलिम्पिक में अपने सीनियर राज्यवर्द्धन सिंह की इवेंट देखने के लिए शूटिंग रेंज जाएँ। इसके ‍‍लिए वे अकेले ही ओलिम्पिक गाँव से बाहर निकले और कार का इंतजार करते रहे। बीजिंग ओलिम्पिक खेलों की आयोजन समिति ने कारों का इंतजाम तो किया था लेकिन यह सुविधा भारतीय ओलिम्पिक संघ के अधिकारियों के लिए थी।

कारें आती गईं और अधिकारियों को ले जाती रहीं लेकिन किसी अधिकारी के दिल में यह नहीं आया कि वह बिंद्रा से पूछ लें कि कहाँ जाना है। जब आधे घंटे तक खड़े रहने के बाद यातायात का कोई साधन नहीं आया, तब वे पैदल ही सड़क पर निकल पड़े। बिंद्रा के साथ भारतीय मीडिया भी था, लेकिन बिंद्रा ने इस बारे में कोई बात नहीं की। बिंद्रा ने धूप से परेशान आखिरकार कुछ देर पेड़ की छाँव ढूँढ़ी और फिर बाद में उन्होंने टैक्सी पकड़कर शूटिंग रेज का रुख किया, जो खेल गाँव से काफी दूरी पर थी।

बिंद्रा के साथ हुए इस व्यवहार पर पूर्व ओलिम्पिक निशानेबाज जसपाल राणा ने कहा कि यह बिंद्रा का नहीं बल्कि पूरे भारत का अपमान है। मैं उनके साथ किए गए बर्ताब से दंग हूँ।

यूँ देखा जाए तो बिंद्रा काफी सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं। मोटे अनुमान के अनुसार बिंद्रा के परिवार की सम्पत्ति 1000 हजार करोड़ रुपए है। उनके घर में कई कारें हैं लेकिन बीजिंग में उन्हें टैक्सी का सहारा लेना पड़ रहा है।

आयोजक से कहीं ज्यादा दोषी भारत के वे अधिकारी दोषी हैं, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा की तरफ ध्यान नहीं दिया। यही अधिकारी भारत लौटने पर बिंद्रा के तस्वीर खिंचाने में होड़ लगा देंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi