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बुरे सपने की तरह थमा अंजू का अभियान

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हमें फॉलो करें अंजू बॉबी जॉर्ज बीजिंग ओलिम्पिक
बीजिंग (भाषा) , मंगलवार, 19 अगस्त 2008 (12:52 IST)
अंजू बॉबी जॉर्ज का बीजिंग ओलिम्पिक अभियान आज यहाँ दु:स्वप्न की तरह समाप्त हुआ, क्योंकि ट्रायल्स के दौरान टखने में चोट लगा बैठी भारत की यह अनुभवी लांग जम्पर क्वाल‍िफाइंग राउंड में एक भी लेप में अंक हासिल नहीं कर सकी।

झुके हुए कंधे लिए हुए अंजू का फाइनल्स में पहुँचने का सपना बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम में 'नो मार्क टैग' से टूट गया। अंजू ट्रायल के दौरान टखने के जोड़ में चोट लगा बैठी थीं। हालाँकि उन्होंने अपनी चोट को भुलाकर कोशिश की, लेकिन उनका अभियान शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।

निराश अंजू ने कहा कि ट्रायल्स के दौरान टखना चोटिल होने के बाद मैं जानती थी कि परिणाम क्या होगा। फिर भी मैंने हटने के बजाय कोशिश करने का फैसला किया। यह ओलिम्पिक है और मैंने इस मौके लिए काफी प्रयास और मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि एक बार आप अपने कूद लगाने वाले पैर में चोट लगा बैठते हो तो आपके पास करने के लिए कुछ नहीं बचता।

अंजू को अपने चोटिल टखने पर खड़े होने में भी परेशानी हो रही थी। केरल की एथलीट के लिए यह निराशाजनक हैट्रिर्कं रही क्योंकि वह तीनों प्रयासों में फाउल जंप से कोई अंक हासिल नहीं कर सकी।

इस 21 वर्षीय एथलीट के साथ ग्रुप 'बी' में बहामा की जैक्वेलिन एडवर्ड्स भी एक भी प्रयास में क्लीन जंप नहीं कर सकी और वह भी 'नो मार्क टैग' से बाहर हो गईं।

यह पूछे जाने पर कि इससे पहले क्या उनका यह टखना पहले भी चोटिल हुआ है तो अंजू ने कहा नहीं यह पहली बार है जब इसमें चोट लगी है। यह माँसपेशियों में खिंचाव या पैर मुड़ने की तरह नहीं है बल्कि मेरे टखने के जोड़ में चोट लगी है, जिससे मैं टेक ऑफ नहीं कर सकती थी।

उन्होंने कहा यह चोट ट्रायल्स में लगी थी और जब क्वालीफाइंग राउंड शुरू हुआ तो यह और बढ़ गयी। मैं न ही भाग सकती थी और न टेक ऑफ कर सकी।

अंजू का हाल में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है और पेरिस में 2003 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली यह एथलीट इस साल 6.55 मीटर के मार्क से ज्यादा की कूद नहीं लगा सकी है।

पिछले कुछ समय के खराब प्रदर्शन की बात कहने पर अंजू ने असहमति नहीं जताई लेकिन जोर दिया कि वह यहाँ पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती थीं।

उन्होंने कहा शायद पिछला प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन मैं अपना प्रयास नहीं छोड़ा। मैं सही समय पर बेहतर प्रदर्शन करना चाहती थी। मैं यहाँ पर अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहती थी क्योंकि यहीं पर यह मायने रखता है। दुर्भाज्ञ से मेरे टखने ने मुझे ऐसा नहीं करने दिया।

अंजू ने एथेंस ओलिम्पिक में अपने कैरियर की 6.83 मीटर से सबसे लंबी कूद लगाई थी। उन्होंने कहा यह मेरे लिए काफी निराशाजनक है। मैं यहाँ बिलकुल ठीक आयी थी और फाइनल के लिए कट मार्क भी 6.75 था जिसमें मैं हासिल कर सकती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं होना था।

लंदन में 2012 ओलिम्पिक खेलों में हिस्सा लेने के बारे में पूछे जाने पर अंजू ने कहा मैं नहीं जानती। मैं अभी कुछ भी सोचने की स्थिति में नहीं हूँ। मुझे सोचने के लिए समय की जरूरत है।

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