बीजिंग ओलिम्पिक में जिस भारतीय पहलवान ने काँस्य पदक जीता, वह कल तक अनजान था लेकिन पदक जीतने के साथ ही वह रातोरात भारत का चमकता हुआ सितारा बन चुका है। सुशील कुमार दिल्ली के समीप नजफगढ़ के बापरौला के रहने वाले हैं।
रेलवे में कार्यरत सुशील कुमार को 2006 में 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। महाबली सतपाल पहलवान ने सुशील कुमार को कुश्ती के गुर सिखाए। सुशील कुमार राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
सुशील कुमार के काँस्य पदक जीतते ही पूरे भारत में खुशी की लहर छा गई है। जो लोग क्रिकेट के पीछे भागते हैं, उनकी प्रतिक्रिया यह थी कि भारत के गरीब पहलवान ओलिम्पिक में पदक जीत रहे हैं और अब ऐसे पहलवानों पर भी धनवर्षा होनी चाहिए।
भारत को 56 साल बाद कुश्ती में ओलिम्पिक का पदक प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के बाद भारतीय खेल प्रेमियों में भावना का सैलाब उमड़ पड़ा है।