ओलिम्पिक काँस्य पदक पक्का करके इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुके मुक्केबाज विजेंदर शुक्रवार की दोपहर में सेमीफाइनल में उतरेंगे तो उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं होगा, लिहाजा उनकी नजरें अब सीधे स्वर्ण पदक पर लगी है।
हरियाणा के इस छह फुट लंबे आकर्षक मुक्केबाज ने अपना पहला लक्ष्य तो हासिल कर लिया है और वह पदक पहनने की अपनी बेताबी छिपा नहीं पा रहा है, लेकिन इस कामयाबी ने उनकी भूख और बढा दी है।
उसने क्यूबा के एमिलियो के खिलाफ 75 किलोवर्ग के सेमीफाइनल से पहले विजेंदर ने कहा कि मैने वह हासिल कर लिया, जिसके लिए मैं यहाँ आया था। इससे मेरे कंधों पर से दबाव हट गया है और कल मैं खुलकर खेलूँगा।
उन्होंने कहा इसके मायने यह नहीं है कि मैं मुकाबले को हलके में लूँगा। मेरे खेल में कोई बदलाव नहीं होगा। मेरा लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना होगा। दो बार के पेन अमेरिकी चैम्पियन क्यूबा के इस मुक्केबाज से मुकाबला आसान नहीं होगा।
हाल ही में एथेंस ओलिम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता बख्तियार अर्तायेव को हराने वाले इस मुक्केबाज ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि निजी साख का कोई असर पड़ेगा। यहाँ इतने सारे विश्व चैम्पियन और ओलिम्पिक पदक विजेता कमजोर प्रतिद्वंद्वियों से हारकर बाहर हो गए हैं।
सत्तर के दशक के मशहूर मुक्केबाज एमिलियो कोरिया वेलांट के बेटे बाए आक्स ने उम्मीद जताई कि वह अपने पिता के पदचिन्हों पर चलकर क्यूबा का नाम रोशन करेगा।
विजेंदर ने कहा कि मैंने उससे पहले मुकाबला नहीं किया है लेकिन उनके मुकाबलों की वीडियो रिकॉर्डिंग देखी है। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं। हम एक दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे।
उन्होंने कहा कि पदक जीतना सपना सच होने जैसा है और मुझे स्वदेश लौटने की कोई जल्दी नहीं है। कोच जी एस संधू ने कल के मुकाबले को लेकर कोई कयास लगाने से इनकार किया। उन्होंने कहा हमने अपना होमवर्क पूरा किया है। हमने क्यूबाई मुक्केबाज की रिकॉर्डिंग देखकर रणनीति बनाई है।