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हॉकी खिलाड़‍ियों का हौसला बढ़ाना बड़ी चुनौती

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लंदन , बुधवार, 8 अगस्त 2012 (16:59 IST)
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सबसे निचले स्थान पर आने से बचने के लिए होने वाले प्ले ऑफ मैच से पहले भारतीय हॉकी खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना फिलहाल भारतीय टीम प्रबंधन और सीनियर खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।

लीग चरण में लगातार पांच मैच गंवाने के बाद भारत पूल बी में बिना अंक के सबसे निचले स्थान पर रहा है। वह अब पूल ए से सबसे निचले स्थान पर रहे दक्षिण अफ्रीका से शनिवार को 11वें और 12वें स्थान के लिए मुकाबला करेगा।

ओलिंपिक हॉकी के सबसे सफल देश का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाड़ियों के लिये लगातार हार की पीड़ा से उबरकर अंतिम स्थान पर आने से बचने की तैयारियों के लिए तीन दिन का समय है। लेकिन खिलाड़ियों को ओलिंपिक खेलों के इस अंतिम मैच से पहले खुद का हौसला बनाए रखना होगा।

कोच माइकल नोब्स और कप्तान भरत छेत्री को विश्वास है कि खिलाड़ी अपना हौसला बढ़ाकर अच्छी हॉकी खेलेंगे। नोब्स ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि खिलाड़ियों का मनोबल बना रहेगा। जब टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने के लिए उतरेगी तो यह मसला नहीं होगा।’

उन्होंने कहा कि जैसे हालात हैं खिलाड़ी निश्चित तौर पर उससे निराश हैं लेकिन उन्होंने चार हार के बाद भी खुद का हौसला बनाए रखा तथा बेल्जियम के खिलाफ अच्छा मैच खेला। भले ही स्कोर लाइन अलग कहानी बयां कर रही हो। हम खिलाड़ियों के साथ बैठक कर रहे हैं। हमने उनसे कहा कि वह दिल छोटा नहीं करें और अच्छा खेलने की कोशिश करें।

कप्तान भरत छेत्री ने कहा कि खिलाड़ी जानते हैं कि जो कुछ हो गया उसे वे नहीं बदल सकते लेकिन वह अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हम प्रत्येक मैच में नए सिरे से शुरुआत करते हैं। हमारे लिए प्रत्येक दिन नया दिन होता है।

छेत्री ने इसके साथ ही कहा कि भारत ने बेल्जियम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया लेकिन विपक्षी गोलमुख के सामने गड़बड़ी के कारण उन्हें हार झेलनी पड़ी। नोब्स ने कहा कि बेल्जियम के गोलकीपर विन्सेंट वनास्च ने बेहतरीन खेल दिखाया तथा भारत के मौकों को नाकाम किया।

उन्होंने कहा, ‘बेल्जियम के गोलकीपर ने अविश्वसनीय खेल दिखाया।’ बेल्जियम के कोच और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कोलिन बैच ने कहा कि स्कोर लाइन से भले ही मैच आसान लग रहा हो लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं था। भारत कई बार गोल करने के करीब था। जिन्होंने मैच नहीं देखा होगा वे 3-0 की जीत को आसान जीत कहेंगे लेकिन ऐसा नहीं था।

ओलिंपिक खेलों में बेल्जियम की यह भारत पर चार मैचों में पहली जीत है। इन दोनों देशों के बीच खेले गए 51 मैच में यह बेल्जियम की यह छठी और लगातार दूसरी जीत है। इससे पहले इन दोनों टीमों के बीच पिछले साल जोहानिसबर्ग में चैंपियन्स चैलेंज में मुकाबला हुआ था जिसमें बेल्जियम ने जीत दर्ज करके चैंपियन्स ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई किया था। (भाषा)

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