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ओलिंपिक में निशानों से चूके भारतीय तीर

हमें फॉलो करें ओलिंपिक में निशानों से चूके भारतीय तीर
नई दिल्ली , सोमवार, 13 अगस्त 2012 (16:29 IST)
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युवा तीरंदाज दीपिका कुमारी की अगुवाई में भारतीय तीरंदाजी टीम लंदन ओलिंपिक में पदक के तमाम दावों और वादों के साथ गई थी लेकिन भारतीय खिलाड़ी पदक तो दूर, विपक्षी खिलाड़ियों को कोई खास चुनौती देते भी नजर नहीं आए।

इसका परिणाम यह हुआ कि तीरंदाजी की महिला और पुरुष वर्गों में टीम और व्यक्तिगत दोनों स्पर्धाओं में भारत की झोली खाली रही। तीरंदाजी दल की निराशा को कोच लिंबाराम के इस बयान से समझा जा सकता है कि इस शर्मनाक प्रदर्शन के लिए कोई बहाना नहीं चल सकता।

जब से तीरंदाजी स्पर्धा क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्‍स पर तीरंदाजी स्पर्धा होने की घोषणा हुई थी, इसे लेकर हाइप बननी शुरू हो गई थी। भारतीय टीम हालांकि उस ऐतिहासिक मैदान पर कोई कारनामा नहीं कर सकी जिस पर उसकी क्रिकेट टीम ने कई कामयाबियां हासिल की हैं।

इसी मैदान पर भारत ने 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीता था लेकिन इस खेल को लोकप्रिय बनाने का एक सुनहरा मौका दीपिका एंड कंपनी ने गंवा दिया। पूरी तीरंदाजी टीम ने शर्मनाक प्रदर्शन किया। भारत के छ: में से तीन तीरंदाज तो पहले दौर की बाधा भी पार नहीं कर सके।

टूर्नामेंट के पहले ही दिन से खराब प्रदर्शन की शुरुआत हो गई जब पुरुष टीम रैंकिंग राउंड में आखिरी स्थान पर रही। महिला टीम नौवें स्थान पर थी। पुरुष तीरंदाज जयंत तालुकदार, तरुणदीप ॉय और राहुल बनर्जी की टीम का कुल स्कोर 1969 था जबकि गत चैंपियन कोरिया ने 2087 अंक के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया।

दो साल पहले दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण जीतने वाली दीपिका की अगुवाई में महिला टीम 1938 अंक ही बना सकी। दक्षिण कोरिया 1993 अंक लेकर शीर्ष पर रहीं। भारतीय महिला तीरंदाजी टीम प्री क्वार्टर फाइनल में डेनमार्क से हार गई।

दीपिका, बोंबायला देवी और चेकरोवोलु स्वुरो को डेनमार्क की टीम ने 211-210 से हराया। डेनमार्क टीम में लुइसे लॉरसन, माजा जागेर और करीना क्रिस्टियनसेन शामिल थे। तीरंदाजों ने बीमारी के कारण अभ्यास नहीं मिल पाना खराब प्रदर्शन का कारण बताया। उन्होंने व्यक्तिगत वर्ग में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई थी लेकिन वहां भी फ्लॉप शो रहा। सबसे ज्यादा निराशा दीपिका से हुई। व्यक्तिगत स्पर्धा में वे कभी भी फार्म में नहीं दिखीं।

वे तीन सेटों में एक बार भी परफेक्ट 10 का स्कोर नहीं बना सकी। ब्रिटेन की एमी ओलिवर ने उसे हराया। वे 37वीं रैंकिंग वाली तीरंदाज से 6-2 से हार गईं। दीपिका ने बाद में कहा कि तेज हवाओं के कारण वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकीं। स्वुरो को भी करीबी मुकाबले में अमेरिका की जेनिफर निकोलस ने मात दी।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बोंबायला का रहा जो प्री क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं। पुरुष वर्ग में सिर्फ राहुल बनर्जी दूसरे दौर में पहुंच सके जबकि जयंत तालुकदार और तरुणदीप राय पहली बाधा भी पार नहीं कर पाए। (भाषा)

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