ओलिम्पिक चुनौती के लिए सेना तैयार
ब्रिटेन में शांति व्यवस्था बनाए रखने से लेकर अफगानिस्तान युद्ध तक अपना जौहर दिखा चुकी ब्रिटिश सेना अब खेलों के महाकुंभ ओलिम्पिक की सुरक्षा चुनौतियों के लिए कमर कसकर तैयार हैं। लंदन 2012 के बैज लगाए सैन्यकर्मी विभिन्न खेल परिसरों और ओलिम्पिक पार्क में पहुंचने लगे हैं तथा हवाई अड्डों के तर्ज पर विकसित सुरक्षा जांच बूथों पर तैनात हो रहे हैं। इनमें से कई अफगानिस्तान से हाल ही में लौटे हैं। लंदन को ओलिम्पिक की मेजबानी दिए जाने की घोषणा के अगले ही दिन शहर में कई आत्मघाती विस्फोट हुए थे, जिसके कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं उठी थीं, लेकिन अब सात वर्ष बाद कॉम्बैट यूनिफार्म से लैस सैन्यकर्मी अपनी सहज उपस्थिति दर्ज कराकर शहर में आने वालों को निर्भयता का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। ओलिम्पिक मंत्री ह्यूज राबर्टसन ने कहा कि हमारी सेना आगंतुकों को बार-बार आश्वस्त कर रही है कि सुरक्षा व्यवस्थाएं बिल्कुल चाक-चौबंद है। कुछ एथलीटों को चिंता जरूर होगी, लेकिन प्रवेश द्वारों पर हमारे हथियारबंद जवानों को देखकर वह ज्यादा आश्वस्त होंगे। राबर्टसन ने कहा कि वे जानते हैं कि हमने सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा व्यवस्था की है और हमें सुरक्षित तथा संरक्षित खेलों के आयोजन की ताकत दे रहे हैं। इस समय कोई खुफिया रिपोर्ट ऐसी नहीं है जिससे लगे कि सुरक्षा आशंकाओं का स्तर बढ़ाया जाए। ओलिम्पिक मंत्री ने साथ ही कहा कि ठेके की निजी सुरक्षा कंपनियों की जगह सेना को लगाए जाने से खेलों की सुरक्षा ज्यादा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से यही मानता आया हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि वे अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे तथा हमारी पुलिस, निजी सुरक्षा गार्डों और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर काम करेंगे। ओलिम्पिक पार्क में आने वाले आगंतुक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सहज और संतुष्ट हैं। चीनी टेलीविजन के कर्मचारी जिकियांग जांग ने कहा कि मुझे यह अच्छा लगा और कभी मैं असहज नहीं हुआ। ये सुरक्षाकर्मी बहुत अच्छे और पेशेवर हैं। ओलिम्पिक की सुरक्षा के लिए अनुबंधित कंपनी जी-4 एस द्वारा पर्याप्त सुरक्षाकर्मी बहाल नहीं कर पाने के बाद ब्रिटेन सरकार ने पिछले हफ्ते 3500 अतिरिक्त सैन्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों को ओलिम्पिक के लिए नियुक्त करने की घोषणा की थी। (वार्ता)