जजों से क्यों नाराज हैं विजेंदर
नई दिल्ली , गुरुवार, 9 अगस्त 2012 (17:28 IST)
स्टार भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह लगातार दूसरी बार ओलिंपिक पदक हासिल करने में चूकने से काफी निराश हैं और उन्होंने कहा कि जजों के खराब फैसलों ने भारतीय मुक्केबाजों के मनोबल को प्रभावित किया।मिडिलवेट (75 किग्रा) के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज ने चार साल पहले बीजिंग में पहला ओलिंपिक मुक्केबाजी पदक जीता था लेकिन वे लंदन में क्वार्टर फाइनल में हार गए। उन्हें लगता है कि लंदन में उनका प्रदर्शन बीजिंग से बेहतर था।इस 26 वर्षीय मुक्केबाज ने लंदन से प्रेट्र से कहा कि यही खेल है, ऐसा होता है। लेकिन मैं संतुष्ट हूं कि मैंने अपना शत-प्रतिशत दिया। मेरे प्रयास में कोई कमी नहीं थी। मुझे लगता है कि जब आपने अपना सब कुछ दिया हो तो हारने में कोई शर्म नहीं है। विजेंदर ने कहा कि जब सुमित सांगवान (81 किग्रा) के शुरुआती करीबी बाउट में हारने के बाद की गई अपील खारिज हो गई तो टीम पर काफी असर पड़ा था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर के खेलों में इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए। मेरे हिसाब में सुमित, मनोज कुमार और एल. देवेद्रों सिंह ने अपनी बाउट जीत ली थी लेकिन उन्हें स्कोर नहीं मिले। इस तरह के खराब फैसलों से टीम के मनोबल पर असर पड़ा। विजेंदर ने कहा कि अगर जजों का फैसला सही होता और कुछ करीबी फैसले हमारे हित में गए होते तो परिणाम कुछ अलग हो सकता था। यह काफी दुखद है लेकिन मैं कहूंगा कि हमारा प्रदर्शन बीजिंग से बेहतर था। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार की बाउट के बारे में उन्होंने कहा कि मनोज ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया और ऐसा ही देवेंद्रो ने भी, लेकिन वे इस अंक प्रणाली के शिकार हुए। ओलंपिक खेलों में तो इसका स्तर बेहतरीन होना चाहिए था।विजेंदर अब अपना वर्ग बढ़ाकर 81 किग्रा में खेलेंगे क्योंकि वे मिडिलवेट से ‘बोर’ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ओलिंपिक खेलों से पहले ही अपना वजन वर्ग बदलने के बारे में सोचा था। मैं मिडिलवेट में काफी कुछ कर चुका हूं और मुझे लगता है कि मुझे नए वर्ग में कोशिश करनी चाहिए। लेकिन अभी वे कुछ दिनों के लिए रिंग से ब्रेक चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल शादी के बाद से मैंने कोई ब्रेक नहीं लिया है, इसलिए अगले कुछ हफ्ते मैं सिर्फ आराम करूंगा और खाउंगा। फिर मैं अपने नए वजन वर्ग में ट्रेनिंग शुरू करूंगा और उम्मीद है कि इसमें सफलता हासिल करूं। (भाषा)