दो करोड़ की तैयारी, एक पदक भी नहीं
भारतीय एथलीटों को ओलिंपिक में पदक न मिले हों, लेकिन इनकी तैयारियों के लिए खूब रुपया बहाया गया। डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा और कृष्णा पूनिया, शॉट पुटर ओमप्रकाश करहाना और तिहरी कूद एथलीट रंजीत माहेश्वरी की लंदन ओलिंपिक की तैयारियों पर लगभग दो करोड़ रुपए खर्च किए गए लेकिन कोई भी एथलीट ऐसा प्रदर्शन नहीं कर सका जिसे याद किया जा सके।अमेरिका में रहने वाले और वहीं प्रशिक्षण लेने वाले विकास निराशाजनक रूप से आठवें स्थान पर रहे जबकि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से विदेशों में प्रशिक्षण लेने वाली पूनिया सातवें स्थान पर रहीं। करहाना जहां गोला फेंक स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए वहीं माहेश्वरी तिहरी कूद में अपनी तीनों जंप फाउल कर गए। लंदन ओलिंपिक के लिए इन चारों खिलाड़ियों की तैयारियों पर एक करोड़ 82 लाख रुपए की भारी-भरकम राशि खर्च की गई थी। करहाना पर 58.73 लाख रुपए, पूनिया पर 58.01 लाख रुपए, विकास पर 39.94 लाख रुपए और माहेश्वरी पर 26 लाख रुपए खर्च किए गए। इस राशि और विदेश में मिले लंबे प्रशिक्षण के हिसाब से देखा जाए तो चारों ही एथलीटों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। विकास ने क्वालीफिकेशन में 65.20 मीटर तक चक्का फेंक उम्मीदें जगाई थीं लेकिन फाइनल में वह 65 मीटर की दूरी तक ही नहीं पहुंच पाए। फाइनल में उनकी सर्वश्रेष्ठ थ्रो 64.79 मीटर थी जो ओलिंपिक के लिहाज से बेहद खराब प्रदर्शन है।पूनिया फाइनल में 12 एथलीटों के बीच 63.62 मीटर की दूरी तक की थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रही और यह थ्रो उनके 64.76 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से एक मीटर से भी कम थी। हालांकि अब पूनिया दावा कर रही हैं कि बीजिंग की तुलना में लंदन में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा और अब उनका लक्ष्य रियो डी जनेरो में होने वाले अगले ओलिंपिक हैं।शॉट पुटर करहाना ने पुरुष गोला फेंक मुकाबले में 19.86 मीटर की दूरी तय की जो 12 क्वालीफायर में आखिरी स्थान पर रहे चीनी ताइपे के मिंग हुआंग चांग की 20.25 मीटर की थ्रो से काफी पीछे थीं। करहाना तो फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए जबकि माहेश्वरी तो उनसे आगे बढ़ते हुए तिहरी कूद में अपनी तीनों जंप ही फाउल कर गए। (वार्ता)