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निशानेबाजी में चीन के दबदबे में सेंध लगा सकता है भारत

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ओलिम्पिक निशानेबाजी में चीन की बादशाहत का कोई मुकाबला नहीं है लेकिन इस बार लंदन ओलिम्पिक में उतर रहे रिकॉर्ड 11 भारतीय निशानेबाज चीन के दबदबे में कुछ सेंध लगा सकते हैं।

चीन ने अपनी मेजबानी में 2008 में हुए बीजिंग ओलिम्पिक में पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल आठ पदक जीतकर निशानेबाजी में चोटी का स्थान हासिल किया था। उसके बाद अमेरिका दो स्वर्ण सहित छह पदक जीतकर दूसरे स्थान पर था। भारत को एक स्वर्ण हासिल हुआ था।

लंदन ओलिम्पिक में उतर रहे चीन के निशानेबाजी दल में इस बार पांच ओलिम्पिक चैंपियनों की मौजूदगी में पिस्टल और राइफल स्पर्द्धाओं में सर्वाधिक पदक जीतने का उसका दावा फिर प्रबल नजर आता है।

बीजिंग में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में स्वर्ण जीतने वाली डू ली, दस मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीतने वाले उनके पति पांग वेई, महिला दस मीटर एयर पिस्टल की स्वर्ण विजेता गुओ वेनजुन और महिला 25 मीटर पिस्टल की स्वर्ण विजेता चेन यिंग तथा एथेंस ओलिम्पिक (2004) में दस मीटर एयर राइफल के स्वर्ण विजेता झू किनान के दम पर चीन एक बार फिर निशानेबाजी में अपना दबदबा साबित करने उतरेगा।

बीजिंग में झू किनान को पराजित कर स्वर्ण जीतने वाले भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा एक बार फिर खिताब के प्रबल दावेदार दिखायी दे रहे हैं1 बिंद्रा एकल स्पर्द्धा के साथ-साथ टीम इवेंट में गगन नारंग के साथ अपनी चुनौती पेश करेंगे। बिंद्रा खेलगांव में पहुंच चुके हैं और उनका इरादा लंदन के रायल आर्टिलरी बैरक्स में होने वाली निशानेबाजी प्रतियोगिता में अपने खिताब का बचाव करना है।

भारत के रिकार्ड 11 निशानेबाज लंदन ओलिम्पिक में उतर रहे हैं और सभी निगाहें बिंद्रा के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में चार स्वर्ण जीतने वाले गगन नारंग और नंबर वन डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढी पर लगी रहेंगी1 बिन्द्रा. नारंग और सोढ़ी के साथ-साथ ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू भी यदि कुछ कमाल कर जाएं तो कुछ हैरत नहीं होगी।

डबल ट्रैप शूटर सोढी चीन के ग्वांगझू में हुए एशियाई खेलों में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय निशानेबाज थे। सोढ़ी ने ओलिम्पिक की तैयारी के लिए अपना वजन भी घटाया है। सोढ़ी ने गत वर्ष जून में क्वालीफाई किया था और तबसे वह लगातार ओलिम्पिक की तैयारियों में जुटे रहे हैं।

विश्व चैंपियन रह चुके मानवजीत सिंह संधू का यह तीसरा ओलिम्पिक है। संधू का कहना है कि जब 2004 एथेंस ओलिम्पिक में वह पहली बार उतरे थे तब उनकी स्थिति एक एमेच्योर जैसी थी लेकिन अब उन्हें काफी अनुभव हासिल है और वह अपने तीसरे ओलिम्पिक को यादगार बनाना चाहते हैं।

ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय निशानेबाज और दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में चार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच चुके गगन नारंग के लिए खुद को साबित करने का यह सबसे बेहतर मौका है। ग्वांगझू एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक न जीत पाने की कमी को नारंग लंदन में पूरा करना चाहते हैं। नारंग लंदन में तीन स्पर्धाओं में उतरेंगे।

इन स्टार निशानेबाजों के अलावा संजीव राजपूत (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन), विजय कुमार (25 रैपिड फायर पिस्टल), जयदीप कर्माकर (50 मीटर राइफल प्रोन), महिला निशानेबाज अन्नू राज सिंह (10 मीटर एयर पिस्टल), राही सरनोबत (25 मीटर पिस्टल), शगुन चौधरी (ट्रैप) और हीना सिद्धू (50 मीटर राइफल) इस ओलिम्पिक को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। (वार्ता)

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