योगेश्वर दत्त ने जीता कांस्य पदक
लंदन , रविवार, 12 अगस्त 2012 (00:35 IST)
भारत की उम्मीदों के कर्णधार और महाबली सतपाल के होनहार शिष्य योगेश्वर दत्त ने शनिवार को ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 60 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में उत्तर कोरिया के जोंग म्योंग री को हराकर कांस्य जीतने के साथ भारत को लंदन ओलिंपिक में पांचवा पदक दिला दिया।योगेश्वर ने अपने तीसरे ओलिंपिक में पदक जीतने का सपना पूरा किया और पिछले बीजिंग ओलिंपिक में अपने गुरुभाई सुशील कुमार की कांस्य पदक की सफलता को दोहरा दिया। हरियाणा के सोनीपत जिले के योगेश्वर ने पहले राउंड में बुल्गारिया के अनातोली इलारियोनोविच गुइदिया को हराया था, लेकिन प्री-क्वार्टर फाइनल में वे चार बार के विश्व चैम्पियन रूस के बैसिक कुदुखोव से हार गए। रुसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के कारण योगेश्वर को कांस्य पदक के लिए रेपेचेज में खेलने का मौका मिला।योगेश्वर ने इस मुकाबले पर टकटकी लगाए बैठे करोड़ों भारतीयों को निराश नहीं किया और कांस्य पदक जीतकर ही दम लिया। योगेश्वर के पदक जीतते ही भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा और पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई। भारतीय पहलवान ने रेपेचेज में प्यूर्तो रिको के फ्रेंकलिन गोमेज मातोस, ईरान के इस्माइलपूरजोईबारी मसूद और उत्तर कोरिया के म्योंग को धूल चटाते हुए इतिहास रच दिया।योगेश्वर ओलिंपिक इतिहास में कांस्य पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं। केडी जाधव ने 1952 के ओलिंपिक में और सुशील ने 2008 के ओलिंपिक में कांस्य पदक जीते थे। सुशील ने भी चार साल पहले रेपेचेज में ही कांस्य पदक जीता था।महाबली सतपाल ने ओलिंपिक से पहले वादा किया था कि उनके शिष्य इस बार ओलिंपिक में पदक जरूर जीतेंगे। योगेश्वर ने यह वादा तो पूरा कर दिया और अब सुशील की बारी है, जो कल 66 किग्रा वर्ग में उतरेंगे। योगेश्वर ने इस तरह भारत को लंदन में पांचवां पदक िदला दिया। अब भारत के खाते में एक रजत और चार कांस्य पदक हो गए हैं। रेपेचेज में योगेश्वर का पहला मुकाबला विश्व चैम्पियनशिप के रजत विजेता मातोस से था। योगेश्वर ने यह मुकाबला दोनों राउंड में क्लिंच में एक-एक अंक बनाने के बाद जीत लिया। एशियाई चैम्पियनशिप में दो बार स्वर्ण जीतने वाले योगेश्वर के सामने अब ईरान के मसूद की चुनौती थी, जिन्हें वे एशियाई चैम्पियनशिप में हरा चुके थे। पहले राउंड में कोई स्कोर नहीं होने के कारण क्लिंच में टॉस भारत को मिला।योगेश्वर ने दाव लगाया और उन्हें तीन अंक मिले, लेकिन ईरान ने विरोध दर्ज कराया और जूरी ने फैसला पलटते हुए तीन अंक मसूद को दे दिए। योगेश्वर ने दूसरा राउंड 3-2 से जीतकर मुकाबले में बराबरी की और निर्णायक राउंड में मसूद को 4-0 से धो दिया।अब कांस्य पदक के लिए योगेश्वर का मुकाबला उत्तर कोरियाई पहलवान से था। म्योंग ने पहला राउंड 1-0 से जीता, जबकि योगेश्वर ने दूसरा राउंड 1-0 से जीता। निर्णायक राउंड में योगेश्वर ने कोरियाई को चीते की फुर्ती से धर दबोचा और एक के बाद एक लगातार छह अंक बटोर लिए जिससे यह राउंड एक मिनट दो सेकंड में ही समाप्त हो गया।योगेश्वर जीतते ही खुशी से उछल पड़े और भारतीय कुश्ती दल प्रमुख राजसिंह, प्रमुख कोच विनोद कुमार और अन्य ने योगेश्वर को गले लगाकर बधाई दी।हरियाणा सरकार एक करोड़ देगी : योगेश्वर दत्त द्वारा ओलिंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें बधाई देते हुए एक करोड़ रुपए की इनामी राशि देने की घोषणा की। हुड्डा ने कहा कि दत्त ने अच्छा प्रदर्शन कर पूरे देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में वे स्वर्ण पदक भी जीतकर लाएंगे।(एजेंसी/वेबदुनिया)