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लंदन में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है रोमानिया को

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बुखारेस्ट , सोमवार, 23 जुलाई 2012 (16:56 IST)
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महिला जिम्नास्टिक में सबसे मजबूत देशों में शामिल रहे रोमानिया को उम्मीद है कि वह मुश्किल समय से उबरकर ओलिंपिक में एक बार फिर अपनी धाक जमाने में सफल रहेगा।

पिछले कुछ वर्षों से रोमानिया के जिम्नास्ट अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे, जिससे देश में इस खेल के अस्तित्व पर संकट छा गया था, लेकिन इसी साल मई में देश के जिम्नास्टों ने शानदार लय हासिल की और ब्रुसेल्स में यूरोपीय चैम्पियनशिप के दौरान 5 में से 4 स्वर्ण पदक जीते।

वेबसाइट के अनुसार महिला टीम के कोच ओक्टाविया बेलू ने कहा कि यह ओलिंपिक खेलों का पूर्वाभ्यास था। हमारा सिर्फ एक लक्ष्य है- ओलिंपिक खेल। ओलिंपिक की महिला जिम्नास्टिक स्पर्धा में रोमोनिया ने अब तक 23 स्वर्ण पदक जीते हैं और वह सबसे सफल देशों की सूची में रूस (सोवियत संघ को मिलाकर) के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका और चीन इस सूची में काफी पीछे हैं।

नादिया कोमानेची, एक्टारिना जाबो, सिमोना अमानार और कैटालीना पोनोर ओल‍िम्पिक में रोमानिया के लिए इतिहास रच चुकी हैं। पच्चीस बरस की पोनोर तो इस बार भी रोमानिया की टीम का हिस्सा हैं।

साम्यवादी युग में जिम्नास्टिक रोमानिया में सबसे मजबूत खेल हुआ करता था, लेकिन 1989 में तानाशाह निकोलेई सियोसेस्कू के पतन के बाद इस खेल को मिल रहे अनुदान को काफी कम कर दिया गया है।

रोमानिया जिम्नास्टिक महासंघ के अध्यक्ष एड्रियन स्टोइका ने कहा कि सभी अन्य खेलों की तरफ जिम्नास्टिक भी रोमानिया में अल्प कोष की समस्या का शिकार है, जो बदलाव के दौर का नतीजा है, जो अब भी चल रहा है।

उन्होंने कहा, वेतन अहम समस्याओं में से एक है। चिकित्सा जगत में जैसे डॉक्टरों और नर्सों के साथ हो रहा है, वैसे ही रोमोनिया के कोच अधिकतर विदेशों में जाना पसंद करते हैं।

स्टोइका ने कहा कि जो यहां रुके हुए हैं, वे पेशेवर साहस दिखा रहे हैं। देश में जिम्नास्टों की भारी कमी है। रोमानिया महासंघ के पास पंजीकृत जिम्नास्टों की संख्या सिर्फ 250 है, जिससे राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की सिरदर्दी बढ़ गई है। (भाषा)

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