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सुशील और योगेश्वर पर टिकी स्वर्ण की उम्मीदें

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लंदन , शुक्रवार, 10 अगस्त 2012 (22:30 IST)
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अब तक का सबसे बडा ओलिंपिक दल लेकर बड़े ही जोशोखरोश के साथ खेलों के महाकुंभ 'ओलिंपिक' के लिए लंदन पहुंचे भारत की उम्मीदें एक-एक कर टूटने के बाद अब इन खेलों के समापन महज दो दिन शेष रहने पर देश को एक अदद स्वर्ण पदक दिलाने के लिए सारी उम्मीदें दो पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त पर आ टिकी हैं।

देश के लिए पदक की उम्मीद माने जाने वाले एक से एक सुपरस्टार खिलाडी अब तक बाहर हो चुके हैं और केवल तीन स्पर्धाओं में स्वर्ण के लिए देश की दावेदारी बची है। कुश्ती से देश को बड़ी उम्मीदें हैं लेकिन पांच में तीन पहलवानों की स्वर्ण या रजत की उम्मीदें समाप्त हो जाने से अब सारा दारोमदार सुशील और योगेश्वर पर आ टिका है।

गत बीजिंग ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता तथा पूर्व विश्व चैंपियन सुशील इन खेलों के अंतिम रविवार को अपनी चुनौती पेश करेंगे जबकि राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में अब तक कुल चार स्वर्ण पदक अपने नाम रखने वाले योगेश्वर का मुकाबला शनिवार को होना है।

हालांकि आखिरी दिन मैराथन में भारतीय धावक रामसिंह को भी उतरना है लेकिन उनसे स्वर्ण की उम्मीदें कम ही हैं। महिला पहलवान गीता फोगट और पुरुषों में महाराष्ट्र के नरसिंह यादव को ओलिंपिक से खाली हाथ विदा होना पड़ा है। इन खेलों के 14वें दिन शुक्रवार तक देश के खाते में एकमात्र रजत समेत और तीन कांस्य समेत कुल चार पदक आए हैं। (वार्ता)

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