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सुशील कुमार फाइनल में, भारत को सोने की आस

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लंदन , रविवार, 12 अगस्त 2012 (17:35 IST)
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खेलों के महाकुंभ में देश की एक अदद स्वर्ण पदक की उम्मीदों का भार अब बीजिंग ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार पर टिक गया है, उन्होंने कजाकिस्तान के पहलवान को 2-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

फाइनल में उनका मुकाबला जापान के पहलवान तात्सुहिरो योनीमित्सु से होगा। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे से प्रारंभ होगा। मास्टर ब्लास्टर ने सुशील कुमार के लिए ट्‍विटर पर लिखा है कि हमारी शुभकामानएं आपके साथ हैं, आपके लिए हम दुआ कर रहे हैं।

सुशील कुमार का सेमीफाइनल मुकाबला : सुशील कुमार इससे पहले तातारोव से हार चुके थे, लिहाजा उनका सेमीफाइनल मुकाबला बहुत कठिन था। पहला राउंड सुशील ने 3-0 से जीता, दूसरे राउंड में तातारोव ने शानदार वापसी की और यह राउंड 3-0 से जीत लिया।

तीसरे और अंतिम राउंड में तातारोव ने 3-0 की बढ़त बना ली बाद में सुशील ने शानदार वापसी करते हुए कजाक पहलवान को 6-3 से यह राउंड जीतकर फाइनल में जगह बनाई।

इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उज्बेगिस्तान के पहलवान इख्तियार नवरूजोव को हराकर उन्होंने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। सुशील ने उज्बेक पहलवान के खिलाफ पहला राउंड जीतकर मनोवैज्ञानिक बढ़त ले ली थी पर अगले राउंड में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। तीसरे और अंतिम राउंड में उन्होंने उज्बेक पहलवान को मात देकर उन्होंने सेमीफाइनल का टिकट कटा लिया।

इससे पहले उन्होंने अपने पहले मैच में तुर्की के पहलवान शाहीन रमजान को 2-1 से हराया था। पहला राउंड रमजान ने जीता लेकिन अगले दोनों राउंड जीतकर सुशील ने दूसरे दौर में प्रवेश किया। रमजान में बीजिंग ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था।

पहला राउंड वे दो पाइंट से हार गए। लेकिन अगले दोनों राउंड में एक-एक पाइंट प्राप्त कर वे मैच 2-1 से जीतने में सफल रहे। अब वे गोल्ड मेडल से तीन मैच दूर है।

लंदन ओलिंपिक में हर दिन गुजरने के साथ भारत की स्वर्ण पदक की उम्मीदें एक के बाद एक दिग्गज खिलाड़‍ियों के निराशाजनक प्रदर्शन से टूटती रही। हालांकि आखिरी दिन मैराथन में भारतीय धावक राम सिंह को भी उतरना है, लेकिन उनसे पदक की कोई उम्मीद नहीं लगाई जा सकती।

भारत के खाते में अब तक एक रजत सहित कुल चार पदक हैं, जबकि 4 साल पहले भारत ने बीजिंग में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीते थे। खेलों के 15वें दिन हॉकी टीम निराशाजनक रूप से 12वें और अंतिम स्थान पर रही, जबकि 50 किमी पैदल चाल में बसंत बहादुर राणा नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के बावजूद 36वें नंबर पर रहे। कुश्ती के 60 किग्रा वर्ग के मुकाबले में योगेश्वर दत्त के प्री-क्वार्टर फाइनल में हार जाने के कारण भारत की इस वर्ग में स्वर्ण या रजत जीतने की उम्मीद भी टूट गई।

भारत को लंदन ओलिंपिक में अपने निशानेबाजों से स्वर्ण की सबसे ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन पिछले चैंपियन अभिनव बिंद्रा और रोंजन सोढी फाइनल में ही नहीं पहुंच सके। विजय कुमार ने रजत और गगन नारंग ने कांस्य पदक जीतकर निशानेबाजों की प्रतिष्ठा को बचाया।

मुक्केबाज विजेंदर सिंह अपने कांस्य पदक को बरकरार नहीं रख सके, जबकि तीरंदाजी में विश्व की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी ने भी भारतीय उम्मीदों को तोड़ा। पांच बार की विश्व चैम्पियन महिला मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम और बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

ओलिंपिक के उद्‍घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक की भूमिका निभाने वाले सुशील इन खेलों के अंतिम दिन जब अपने मुकाबले में उतरेंगे तो करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें उन पर लगी रहेंगी कि वे तिरंगे को बुलंद रखें और भारत की झोली में एक अदद स्वर्ण पदक डाल दें। (एजेंसियां)

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