यह हकीकत है कि लॉस एंजिल्स में सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत के लिये ऑस्कर जीतकर नया इतिहास रचने वाला स्लमडॉग मिलियनेयर का गीत ‘जय हो’ दरअसल सुभाष घई की हाल में रिलीज हुई फिल्म ‘युवराज’ के लिये लिखा गया था, मगर फिल्म के निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने इस गाने को ‘युवराज’ में जगह देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि इस गीत की फिल्म में गुंजाइश नहीं बन पा रही है।
गुलजार ‘जय हो’ को ‘युवराज’ में शामिल कराने की कोशिश में थे, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। खुदा को ‘जय हो’ को ‘युवराज’ की पदवी नहीं, बल्कि ऑस्कर के ताज से नवाजना था। ए. आर. रहमान और गुलजार के इस यादगार गीत ने सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार जीतकर इतिहास में अपना नाम सुनहरे शब्दों में दर्ज करा लिया।
इस बीच जय हो गीत के लेखक गुलजार ने इसका सारा श्रेय रहमान को दिया। उन्होंने कहा रहमान ने कमाल कर दिया। मैं इस गीत का हिस्सा जरूर हूं लेकिन इसकी कामयाबी का पूरा श्रेय रहमान को ही जाता है। उन्होंने कहा रहमान ने इस गीत के बोल में जान फूँकी है। उन्होंने साबित कर दिया है कि हिन्दुस्तान का संगीतकार दुनिया में भी अपना लोहा मनवा सकता है। गुलजार ने इस मौके पर जय हो को स्वर देने वाले गायक सुखविंदर को भी याद किया।