उत्तरप्रदेश में मथुरा जिले के अगरयाला गांव में हर वर्ष की तरह इस बार भी नागपंचमी के अवसर पर एक नागिन अपने पूर्व जन्म के पति से मिलने के लिए कल नौवीं बार आई और उसके गले से लिपट गई।
नागिन के अपने पति के पास 36 से 48 घंटे तक रहने की संभावना है। अगरयाला गांव की लोहरी नामक महिला ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले सपने में देखा कि उसके चारों ओर नाग ही नाग हैं। वह डर गई और उठकर सीधे गांव के उस मंदिर में जा पहुंची, जहां हर वर्ष नागपंचमी के एक दिन पूर्व नागिन आती है।
महिला ने बताया कि मन्दिर की परिक्रमा के बाद जब उसने मन्दिर का दरवाजा खोला तो उसे वहां नागिन दिखाई दी जो गांव के लक्ष्मण नामक युवक के घर गई और उससे लिपट गई। समाचार मिलने तक नागिन लक्ष्मण के गले से लिपटी हुई थी।
इस अजूबे चमत्कार को देखने के लिए गांव में न केवल आसपास के लोगों का मेला लग गया है बल्कि दूरदराज से भी लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अगरयाला गांव पहुंच रहे हैं। लक्ष्मण के परिवार वालों के अनुसार लक्ष्मण का जन्म अगरयाला गांव में शंकर महाशय के यहां हुआ था।
लक्ष्मण के परिजनों का कहना है कि जब लक्ष्मण सात माह का था तो नागिन उसके सीने पर आकर बैठी थी किन्तु उसने उसे काटा नहीं था। लक्ष्मण का विवाह जब मथुरा के ही गांव मौरा में सूरजमल की पुत्री गंगा से हो गया तो नागिन ने उसे डसना शुरू किया।
उन्होंने बताया कि नागिन ने उसे सात बार डसा, पर वायगीरों ने उसे ठीक कर दिया। जब लक्ष्मण को सपने में नागिन दिखाई देने लगी तो उसके परिवार वालों ने उसका इलाज तांत्रिकों एवं वायगीरों से कराना शुरू किया। ढाक भी बजवाई गई तो नागिन ने बताया कि वह पूर्व जन्म की लक्ष्मण की पत्नी है। उसने कहा कि वह लक्ष्मण के पास हमेशा रहना चाहती है इसलिए गांव में एक मंदिर बनवाया जाए। उसने यह भी कहा कि वह प्रत्येक नागपंचमी को लक्ष्मण से मिलने आया करेगी।
पिछले आठ साल से वह नागपंचमी के एक दिन पहले आती है और लक्ष्मण से लिपट कर रहती है तथा नागपंचमी के अगले दिन चली जाती है। इसी घटना की आज भी पुनरावृत्ति हुई है। गांव में मेले में भीड बढ़ती ही जा रही है। (वार्ता)