Shree Sundarkand

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मार्गशीर्ष में करें मां अन्नपूर्णा का पूजन

21 दिनी साधना दिलाएगी यश-कीर्ति

Advertiesment
हमें फॉलो करें मां अन्नपूर्णा का अनुष्ठान
ND

चैत्र एवं शारदीय नवरात्र की तरह मार्गशीर्ष में मां अन्नपूर्णा के पूजन व अनुष्ठान का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा पर्यंत 21 दिवस मां अन्नपूर्णा का व्रत-अनुष्ठान करने से सुख, यश, कीर्ति तथा आयु में वृद्घि होती है।

पं. रमेश पाठक के अनुसार मां अन्नपूर्णा का व्रत सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाला है। मार्गशीर्ष माह में इस व्रत का वैज्ञानिक महत्व भी है। इस समय कोशिकाओं के पैत्रागतिक (जेनेटिक) कण रोग निरोधक होकर चिरायु और युवा बनाने में प्रयत्नशील हो जाते हैं। इस समय किया गया षटरस भोजन वर्ष भर के लिए स्वास्थ्य वृद्घि करता है।

webdunia
ND
पूजन विधान : इस व्रत को सभी धर्मालुजन कर सकते हैं। 21 दिन के लिए 21 गांठ का सूत्र (सूत का धागा) लेना चाहिए। 21 दिन न बने तो एक दिन उपवास कर सकते हैं। यह भी न बने तो केवल कथा सुनकर माता का प्रसाद ग्रहण करें।

उपासक को कथा सुनने वाला कोई न मिले तो पीपल के पत्ते पर सुपारी रख कर ग्वारपाठा के पौधे के सामने रख कर दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा सूर्य, गाय, तुलसी या महादेव को कथा सुनाएं। उपवास में भूल से कुछ ग्रहण कर लें तो एक दिवस फिर उपवास करना चाहिए। व्रत में क्रोध न करें व झूठ न बोलें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi