Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हरियाली तीज : शिव-पार्वती का त्योहार

हरियाली तीज : श्रावण और तीज का तालमेल

हमें फॉलो करें हरियाली तीज : शिव-पार्वती का त्योहार
राजस्थान और मध्यप्रदेश खासतौर पर मालवांचल की स्त्रियों द्वारा श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में बहुत श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता हैं। आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव हमारे सर्वप्रिय पौराणिक युगल शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

दो महत्वपूर्ण तथ्य इस त्योहार को महत्ता प्रदान करते हैं। पहला शिव-पार्वती से जुड़ी कथा और दूसरा जब तपती गर्मी से रिमझिम फुहारें राहत देती हैं और चारों ओर हरियाली छा जाती है। यदि तीज के दिन बारिश हो रही है तब यह दिन और भी विशेष हो जाता है।


webdunia
FILE


जैसे मानसून आने पर मोर नृत्य कर खुशी प्रदर्शित करते हैं, उसी प्रकार महिलाएं भी बारिश में झूले झूलती हैं, नृत्य करती हैं और खुशियां मनाती हैं।

तीज के बारे में हिन्दू कथा है कि श्रावण में कई सौ सालों बाद शिव से पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। पार्वतीजी के 108वें जन्म में शिवजी उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए और पार्वतीजी की अपार भक्ति को जानकर उन्हें अपनी पत्नी की तरह स्वीकार किया।


webdunia
FILE


तीज का त्योहार वास्तव में महिलाओं को सच्चा आनंद देता है। इस दिन वे रंगबिरंगे कपड़े, गहनों को पहनकर दुल्हन की तरह तैयार होती हैं। कई नवविवाहित महिलाएं तो इस दिन अपने शादी का जोड़ा बड़े ही चाव से पहनती हैं।

वैसे तीज के मुख्य रंग गुलाबी, लाल और हरा है। तीज पर हाथ-पैरों में मेहंदी भी जरूर लगाई जाती है।




webdunia
FILE


एक समय महत्वपूर्ण परंपरा है वट वृक्ष के पूजन की।

इसकी लटकती शाखों के कारण यह वृक्ष विशेष सौभाग्यशाली माना गया है। औरतें वट वृक्ष पर झूला बांधती हैं और बारिश की फुहारों में भीगते-नाचते गाते हुए तीज मनाती हैं।

(समाप्त)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi