पुराणों के अनुसार अष्टमी तिथि को कृष्ण पक्ष में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और इसी तिथि को शुक्ल पक्ष में देवी राधा का जन्म भी हुआ था। बरसाने में राधाष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। राधाष्टमी का पर्व जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस बार राधा अष्टमी 14 सितंबर 2021 मंगलवार को मानाई जाएगी।
पद्म पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक वैष्य गोप की पुत्री थीं। इसीलिए उनका नाम वृषभानु कुमारी पड़ा। उनकी माता का नाम कीर्ति था। बरसाना राधा के पिता वृषभानु का निवास स्थान था। आओ जानते हैं कि श्रीराधा और श्रीकष्ण की उम्र में कितना अंतर था।
1. इस संबंध में हमें पुराणों में अलग अलग मत मिलते हैं परंतु एक बात तो तय थी कि राधा की उम्र कृष्ण से बड़ी थी।
2. ऐसी कथा मिलती है कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रीराधा अपनी माता कीर्ति के साथ नंदरायजी के घर नंदगांव आई थी। उस समय राधा लगभग 11 माह की थी और माता की गोद में बैठी थी जबकि श्रीकृष्ण पालने में झुल रहे थे।
3. कुछ पुराणों में श्रीराधा को श्रीकृष्ण से 5 वर्ष बड़ी बताया गया है। श्रीमद्भागवत और विष्णुपुराण के अनुसार कंस के अत्याचार से बचने के लिए नंदजी कुटुम्बियों और सजातियों के साथ नंदगांव से वृंदावन में आकर बस गए थे, जहां बरसाने के लोग भी थे। मान्यता है कि यहीं पर वृंदावन में श्रीकृष्ण और राधा एक घाट पर युगल स्नान करते थे। उस वक्त कृष्ण 7 साल के थे और राधे 12 की, उनके साथ उन्हीं की उम्र के बच्चों की एक बड़ी टोली रहा करती थी, जो गांव की गलियों में धमाचौकड़ी मचाया करती थी।