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Akhuratha Sankashti Chaturthi : अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत के फायदे

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 (17:18 IST)
Akhuratha Sankashti Chaturthi: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का पूजन करने से उनकी अपार कृपा प्राप्त होने के साथ ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से जहां घर में सुख-समृद्धि आती है, वहीं बिजनेस में अपार धनलाभ होकर व्यापार की वृद्धि होती है। वर्ष 2024 में यह व्रत 18 दिसंबर, बुधवार को रखा जा रहा है।
 
आपको बता दें कि अखुरथ संकष्टी साल 2024 की आखिरी चतुर्थी है। पंचांग के अनुसार पौष माह में जब भी संकष्टी चतुर्थी पड़ती है तब इसे अखुरथ चौथ के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन विधि-विधान से विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूजन किया जाता है। अत: इस व्रत से भक्त को कई फायदे मिलते हैं। 
 
Highlights
  • अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने के फायदे।
  • संकष्टी चतुर्थी का क्या महत्व है?
  • दिसंबर में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब है
आइए जानते हैं यहां अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मिलेंगे यह फायदे : 
 
1. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन मंत्र- श्री गणाधिपतये नम: बोलते हुये हल्दी की पांच गांठ श्री गणेश को अर्पित करें। इस उपाय से नौकरीपेशा को शीघ्र ही प्रमोशन प्रमोशन मिलेगा तथा धन वृद्धि होगी।
 
2. इस चतुर्थी पर श्री गणेश और चंद्र देव की पूजा करने से नकारात्मकता दूर होती हैं।
 
3. अखुरथ चतुर्थी व्रत रखने से सौभाग्य बना रहता है तथा संतान पाने की मनोकामना पूर्ण होती है। 
 
4. अखुरथ चतुर्थी व्रत करने से घर में निरंतर सुख-समृद्धि आकर हर तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
5. यह चतुर्थी सभी संकटों को हरने वाली मानी गई है, अत: व्रतधारी को इस तिथि पर भगवान श्री गणेश का ध्यान लगाकर पूजन करना चाहिए। 
 
6. अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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