भाद्रपक्ष के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के बाद अंनत चतुर्दशी आती है। इस दिन गणेश प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही भगवान अनंत की पूजा भी होती है। यह दिन गणेशजी, ब्रह्माजी, कृष्णजी, श्रीहरि विष्णुजी की पूजा का विशेष दिन होता है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति वैकुंडलोक प्राप्त करता है। आओ जानते हैं इस दिन की 14 खास बातें।
1. विष्णु पूजा : अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णुजी के अनंत रूप की षोडशोपचार पूजा का विधान है। अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है।
2. व्रत : इस दिन श्रीहरि विष्णु के लिए व्रत रखते हैं। धन-धान्य, सुख-संपदा और संतान आदि की कामना से यह व्रत करते हैं।
3. अनंत सूत्र : अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। पुरुष दांये हाथ में और महिलाएं बांये हाथ में बांधे। अनंत राखी के समान रूई या रेशम के कुंकू रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें 14 गांठें होती हैं। इन्हीं धागों से अनंत का निर्माण होता है।
4. 14 गांठें : अनंत सूत्र की 14 गांठें होती हैं जो विष्णुजी के 14 लोकों का प्रतीक है। अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में 14 लोकों की रचना की थी।
5. सभी कष्ट होते दूर : भगवान अनंत की पूजा करने से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
6. पांडवों ने किया था पूजन : श्रीकृष्ण की सलाह पर जब पांडवों ने किया पूजन को उन्हें कष्टों से छुटकारा और पुन: राजपाट मिला।
7. क्यों कहते हैं अंनत : भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर शयन करते हैं। शेषनाग का नाम अनंत भी है।
8. अनंत चतुर्दशी की कथा : अनंत चतुर्दशी पर श्री कृष्ण द्वारा युधिष्ठिर से कही गई कौण्डिन्य एवं उनकी पत्नी शीला की गाथा सुनाई जाती है। इस दिन उदय तिथि के अनुसार भगवान विष्णु की कथा होती है।
9. अनंत सूत्र बांधने का मंत्र-
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
11. विष्णु सहस्त्रनाम : इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने का खासा महत्व है।
12. वैकुंठ की होती है प्राप्ति : कहते हैं कि अनंत चतुर्दशी का जो भी व्यक्ति विधिवत रूप से 14 साल तक व्रत रख लेता है, उसे वैकुंड लोग की प्राप्ति होती है।
13. ब्रह्मा की भक्ति का दिन : इस दिन सृष्टि के कर्ता ब्रह्मा की भक्ति का दिन भी माना जाता है।
14. गणेश विसर्जन : इस दिन भगवान गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।