12 सितंबर 2019 को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी के ही दिन गणेश जी की पार्थिव प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है, वहीं 'अनंत' (पीला रेशमी धागा) की पूजा कर उसे धारण किया जाता है।
प्रचलित कथानुसार 'अनंत' को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है जिसमें 14 गांठें होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन पीले रेशमी धागे जिसे 'अनंत' कहते हैं उसका पूजन कर अपनी दाहिनी भुजा पर बांधा जाता है। ऐसी मान्यता है कि अनंत के धारण करने मनुष्य समस्त शारीरिक व्याधियों से दूर रहता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के अनंत रूप का पूजन होता है। यह व्रत विशेष रूप से किसी पवित्र नदी के तट पर किया जाता है।
अनंत पूजन व धारण का मुहूर्त-
दोपहर- 12:15 से 1:48 बजे तक
सायं- 6:25 से 8:00 बजे तक
गणेश प्रतिमा विसर्जन मुहूर्त-
दोपहर- 2:00 से 3:20 बजे तक
सायंकाल- 5:00 से 6:30 बजे तक
अनंत चतुर्दशी पर गणेश गायत्री मंत्र देगा 10 दिन की पूजा का फल
अनंत चतुर्दशी के दिन स्नान के बाद भगवान गणेश को केसरिया चंदन, सिंदूर, अक्षत, दूर्वा के साथ मोदक का भोग लगाकर पीले आसन पर बैठ यथासंभव रुद्राक्ष या चंदन की माला से नीचे लिखा गणेश गायत्री मंत्र कम से कम 108 बार बोलें -
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती: प्रचोदयात्।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र