धार्मिक धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और शनिवार, 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। आओ जानते हैं कि आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन क्या करें, क्या न करें।
क्या करें :
1. प्रात:काल जल्दी उठकर नदी में स्नान करते हैं।
2. गुरु वेदव्यास की पूजा करते हैं।
3. किसी को गुरु बनाते हैं या अपने गुरु का पूजन करते हैं।
4. व्रत रखकर पूरे दिन श्री विष्णु का ध्यान करते हैं।
5. सत्यनारायण भगवान का कथा पूजन करते हैं।
6. दान करते हैं। खासकर अन्नदान और वस्त्रदान करें।
7. इस दिन गुरु ही नहीं माता, पिता, बड़े भाई, बड़ी बहन, चाचा आदि का भी सम्मान करते हैं।
8. इस दिन गुरु से मंत्र प्राप्त भी करते हैं।
9. पितरों के तर्पण का कार्य भी किया जा सकता है।
10. कोई विद्या या सिद्धि सीखने का कार्य भी प्रारंभ किया जा सकता है।
क्या न करें
1. इस दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें।
2. मांस, मटन, मच्छी और मदिरा से दूर रहें।
3. स्त्री समागन या प्रसंग से दूर रहें।
4. क्रोध, ईर्ष्या, किसी का अपमान करना आदि विकारों से दूर रहें।
5. यात्रा न करें।
6. किसी भी प्रकार का मंगलिक कार्य न करें।
7. यदि व्रत रख रहे हैं तो वार्तालाप और बहस से दूर रहें।
8. यदि व्रत रख रहे हैं तो तमान तरह की सुख सुविधा का त्याग कर दें।