Chetichand Jayanti 2024: सिंधी समाज के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार चेटी चंड हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की दूज को आता है। इस बार यह पर्व 10 अप्रैल को मनाया जाएगा। अधिकांशतः यह पर्व, उगादी तथा गुड़ी पड़वा के एक दिन बाद मनाया जाता है। दरअसल इस दिन भगवान झुलेलाल प्रकट हुए थे। इसी की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है।
झूलेलाल जी को उडेरोलाल भी कहते हैं, जो की सिन्धियों के प्रमुख संरक्षक भगवान हैं। भगवान झूलेलाल हिन्दूदेव वरुणदेव के अवतार माने जाते हैं। सिंध प्रांत के हिन्दुओं को मुस्लिम अत्याचार से बचाने के लिए ही इनका अवतार हुआ था। यह एक चमत्कारिक संत थे। झुलेलालजी को जिन्दपीर, लालशाह, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल, उदेरोलाल, घोड़ेवारो भी कहते हैं। इन्हें मुसलमान भी ख्वाजा खिज्र जिन्दह पीर के नाम से पूजते हैं। पाकिस्तानी सिंधी लोग इन्हें 'प्रभु लाल साईं' कहते हैं।
चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया संवत 1007 को झूलेलालजी का जन्म नसरपुर के ठाकुर रतनराय के यहां हुआ था। उनके माता पिता ने उनका नाम 'लाल उदयराज' रखा था। लोग उन्हें उदयचंद भी कहते थे। पाकिस्तान के नसरपुर में झूलेलाल का प्रसिद्ध समाधी मंदिर है। हालांकि यह मंदिर अब दरगाह के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यहां दुनियाभर से लोग आकर माथा टेकते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं।
द्वितीया आरम्भ : 9 अप्रैल 2024 को 20:33:09 से
द्वितीया समाप्त : 10 अप्रैल 2024 को 17:34:27 पर
शुभ मुहूर्त :
प्रातः सन्ध्या : प्रात:काल 04:53 से 06:01 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:30 से 03:21 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:43 से 07:06 तक।
अमृत काल : रात्रि 10:42 से 12:10 तक।
निशीथ मुहूर्त : रात्रि 11:59 से 12:44 तक।