Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

छठ महापूजा : क्या आपने जुटा ली हैं ये सामग्रियां?

हमें फॉलो करें छठ महापूजा : क्या आपने जुटा ली हैं ये सामग्रियां?
छठ पूजा के तीसरे दिन 26 अक्टूबर गुरुवार षष्ठी को शाम को जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को संझिया अर्घ्य दिया जाएगा। अगले दिन 27 अक्टूबर शुक्रवार सप्तमी की सुबह तड़के जल में प्रवेश कर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ बहुत कठिन और सावधानी का पर्व होता है। 
 
छठ पूजा के लिए क्या सामग्री एकत्र करें... 
 
- प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी.
 
- बांस या पीतल के बने 3 सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास। 
 
- नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा। 
 
- चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक। 
 
- पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो
 
- सुथनी और शकरकंदी
 
- हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा। 
 
- नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं। 
 
- शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी
 
- कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई
 
ये होगा प्रसाद
 
ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूड़ी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, जिसे लडुआ भी कहते हैं आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। 
 
फल सब्जी कौन-कौन से जुटाएं 
 
टोकरी को धोकर उसमें ठेकुआ के अलावा नई फल सब्जियां भी रखी जाती हैं। जैसे केला,अनानास बड़ा मीठा नींबू , सेब, सिंघाड़ा ,मूली, अदरक पत्ते समेत, गन्ना कच्ची हल्दी नारियल आदि रखते हैं। सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा प्रसाद सूप में रखते हैं। सूप में ही दीपक जलता है। लोटा से सूर्य को दूध गंगाजल और साफ जल से फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दिया जाता है।  
 
गेहूं और चावल धो लें
 
छठ में प्रसाद के रूप में बनने वाले ठेकुआ और चावल के लड्डू उसी चावल व गेहूं से बनेंगे, जो विशेष तौर से छठ के लिए धोए, सुखाए और पिसवाए जाते हैं। ध्यान रहे कि सुखाने के दौरान अनाज पर किसी पैर ना जाए। यहां तक कि कोई पक्षी भी चोंच ना मार पाए। क्योंकि फिर उसे जूठा माना जाएगा और ऐसे गेहूं व चावल का इस्तेमाल वर्जित है। 
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कौन हैं छठ मैया और क्यों करते हैं इनकी पूजा, पढ़ें छठ व्रत कथा