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Dashavatar Vrat 2025 : दशावतार व्रत क्या है, कब और क्यों रखा जाता है?

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WD Feature Desk

, सोमवार, 1 सितम्बर 2025 (14:23 IST)
2025 Dashavatar Vrat : दशावतार व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु के दस मुख्य अवतारों की पूजा को समर्पित है। यह व्रत मोक्ष, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। व्रत के दौरान भगवान विष्णु के मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतारों की पूजा की जाती है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। आइए जानते हैं दशावतार व्रत 2025 के बारे में...ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: गणेश विसर्जन कितने दिनों में कहां कब होता है?
 
कब रखा जाता है दशावतार व्रत?
• तिथि: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशावतार व्रत किया जाता है।
• 2025 में: साल 2025 में, दशावतार व्रत 2 सितंबर, मंगलवार को रखा जाएगा।
 
क्यों रखा जाता है? दशावतार व्रत रखने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
 
• भगवान विष्णु की कृपा: इस व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु और उनके 10 अवतारों की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करना है।
 
• पापों से मुक्ति: यह माना जाता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
• कष्टों से मुक्ति: दशावतार व्रत को जीवन की सभी परेशानियों और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है।
 
• सौभाग्य और समृद्धि: इस व्रत को करने से धन, समृद्धि, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
 
• धर्म की रक्षा: भगवान विष्णु ने हर युग में धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए अवतार लिए हैं। इस व्रत को करके भक्त उन अवतारों को याद करते हैं और उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं।ALSO READ: Ganesh Chaturthi 2025: गणेश उत्सव के सातवें दिन का नैवेद्य और मंत्र, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
 
दशावतार: भगवान विष्णु के 10 अवतारों में शामिल हैं:
1. मत्स्य (मछली)
2. कूर्म (कछुआ)
3. वराह (सूअर)
4. नृसिंह (आधा शेर, आधा मानव)
5. वामन (बौना)
6. परशुराम
7. श्रीराम
8. श्रीकृष्ण
9. बुद्ध
10. कल्कि (भविष्य का अवतार)
 
इस व्रत के दिन, भक्त इन सभी अवतारों का स्मरण करते हैं, उनकी पूजा करते हैं, और उनसे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के बाद यदि नहीं करना चाहते हैं गणपति मूर्ति का विसर्जन तो क्या करें?

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