Dev Diwali 2021 : कार्तिक मास की चतुर्दशी को छोटी दिवाली, अमावस्या को बड़ी दिवाली और पूर्णिमा ( kartik purnima 2021 ) को देव दीपावली मनाते हैं। आओ जानते हैं देव दिवाली मनाने के 5 पौराणिक कारण।
1. त्रिपुरासुर का वध : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था जिससे वो त्रिपुरारी रूप में पूजित हुए।
2. मत्स्य अवतार : इसी दिन भगवान विष्णु ने सतयुग में मत्स्य अवतार लिया था।
3. श्रीकृष्ण को आत्मबोध : कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा को ही श्रीकृष्ण को आत्मबोध हुआ था।
4. तुलसीजी का प्राकट्य : यह भी कहा जाता है कि इसी दिन देवी तुलसीजी का प्राकट्य हुआ था।
5. देवता मनाते हैं दिवाली : देवउठनी एकादशी के दिन देवता जागृत होते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन वे यमुना तट पर स्नान कर दिवाली मनाते हैं, इसीलिए इसे देव दिवाली कहते हैं। दरअसल, बालि से वामनदेव द्वारा स्वर्ग की प्राप्ति की खुशी में यह दिवाली मनाई जाती है। इस पूर्णिमा को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्व प्रमाणित किया है।