गायत्री मां की पूजा से मिलती है खास खुशियां और खुल जाता है खजाना, देवी का 5 तत्वों से है कनेक्शन
क्या आप जानते हैं मां गायत्री का 5 तत्वों से क्या है कनेक्शन, आइए जानते हैं सुमुखी सुंदर और सादगी की देवी मां गायत्री के बारे में...
हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष की एकदशी तिथि को मां गायत्री का अवतरण माना जाता है। इस दिन को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है। यानी सभी वेद, इन्हीं से बने हैं। मां गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है।
अथर्ववेद में बताया गया है कि मां गायत्री से आयु, प्राण, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं वर्चस्व मिलता है। विधि और नियमों से की गई गायत्री उपासना रक्षा कवच बनाती है। जिससे परेशानियों के समय उसकी रक्षा होती है। देवी गायत्री की उपासना करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पंच तत्वों की देवी हैं मां गायत्री
हिंदू धर्म में मां गायत्री को पंचमुखी माना गया है। ये 5 मुख पंच तत्वों का प्रतीक हैं। समूचा ब्रह्मांड और मानव शरीर जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि और आकाश के पांच तत्वों से बना है। संसार के जितने भी प्राणी हैं, उनका शरीर भी इन्हीं पांच तत्वों से बना है। अत: पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर गायत्री प्राण-शक्ति के रूप में है। यही कारण है गायत्री को जीवन शक्तियों का आधार माना गया है। हम सभी को गायत्री उपासना जरूर करनी चाहिए।
गायत्री मंत्र नियम
*गायत्री मंत्र जाप के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है।
*गायत्री मंत्र के लिए नहाने के साथ ही मन और आचरण भी पवित्र रखना होता है।
*साफ और सूती पीले कपड़े पहनकर कुश या कंबल का आसन बिछाकर मंत्र जाप करने का विधान है।
*मंत्र जाप के लिए तुलसी या चन्दन की माला इस्तेमाल करनी चाहिए। इस मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है।
*अचानक काम के कारण जाप में बाधा आने पर हाथ-पैर धोकर फिर से जाप करें। बाकी मंत्र जाप की संख्या को थोड़ी-थोड़ी पूरी करें। साथ ही एक से अधिक माला कर जाप बाधा दोष का शमन करें।
*गायत्री मंत्र जाप करने वाले का खान-पान शुद्ध होना चाहिए। लेकिन जिन लोगों का सात्विक खान-पान नहीं है, वो भी गायत्री मंत्र जाप कर सकते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इस मंत्र के असर से ऐसा व्यक्ति भी शुद्ध और सद्गुणी बन जाता है।
पूजा से मिलती है खास खुशियां और खुल जाता है खजाना
गायत्री माता की पूजा, उपासना और आराधना से वे खुशियां मिलती हैं जो हमने सामान्य रूप में नहीं सोची होती हैं यानी खास खुशियां जो भौतिक नहीं अलौकिक होती हैं। आध्यात्मिक, आंतरिक और आत्मिक होती हैं। ये खुशियां जब इंसान पा लेता है तो बाहरी जगत की खुशियां उसे नहीं भाती हैं। लेकिन जीवन चलाने के लिए आवश्यक धन वैभव और संपदा उसके पास खुद चली आती हैं। गायत्री मंत्र शक्तियों का खजाना है जो दूसरे कई खजाने खोल देता है।