वेबदुनिया के पाठकों के लिए पाक्षिक-पंचाग श्रंखला में प्रस्तुत है मार्गशीर्ष (अगहन) शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
पाक्षिक-पंचांग
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-मार्गशीर्ष (अगहन)
पक्ष-शुक्ल पक्ष (27 नवंबर से 12 दिसंबर तक)
ऋतु: हेमंत
रवि: दक्षिणायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 27 नवंबर, 1 दिसंबर, 2 दिसंबर, 6 दिसंबर, 8 दिसंबर, 10 दिसंबर, 11 दिसंबर
अमृतसिद्धि योग- 27 नवंबर, 6 दिसंबर
द्विपुष्कर योग- 3 दिसंबर
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रवि पुष्य योग- 17 नवंबर
गुरु पुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 8 दिसंबर (मोक्षदा एकादशी व्रत)
प्रदोष- 9 दिसंबर (सोम प्रदोष)
भद्रा- 29 नवंबर (उदय)-30 नवंबर (अस्त), 3 दिसंबर (उदय)-4 दिसंबर (अस्त), 7 दिसंबर (उदय)- 8 दिसंबर (अस्त), 11 दिसंबर (उदय-अस्त)
पंचक: 2 दिसंबर से प्रारंभ-7 दिसंबर को समाप्त
मूल- 27 नवंबर को प्रारंभ- 29 नवंबर को समाप्त, 6 दिसंबर से प्रारंभ-8 दिसंबर को समाप्त
पूर्णिमा- 12 दिसंबर
ग्रहाचार: सूर्य-वृश्चिक, चंद्र-(सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-तुला, बुध- तुला राशि में (5 दिसंबर से वृश्चिक राशि में), गुरु-धनु, शुक्र-धनु, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार: 3 दिसंबर- श्रीनरसी मेहता जयंती, 8 दिसंबर- गीता जयंती
(निवेदन-उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र