8 नवंबर 2022 मंगलवा को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जलाना और दीपदान करने का खासा महत्व है, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण के चलते मंदिरों के कपाट 7:25 के बाद खुलेंगे और घर में भी पूजा पाठ बंद रहेगी। ऐसे में क्या कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जला सकते हैं या नहीं। आओ जानते हैं कि क्या ऐसा करना संभव है।
कब से कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण : नई दिल्ली टाइम के अनुसार यह ग्रहण चंद्रोदय के समय शाम 05:32 पर प्रारंभ होगा और 06:18 पर समाप्त होगा, इसका मोक्ष काल 07:25 पर रहेगा। सूतकाल का समय सुबह 09:21 बजे से लेकर शाम 06:18 बजे तक रहेगा।
कब करें पूजा : चंद्र ग्रहण की समाप्ति पर स्नान करने के बाद मंदिर या पूजा घर को शुद्ध करें और इसके बाद मोक्ष काल 07:25 के बाद पूजा पाठ कर सकते हैं और दीपक जला सकते हैं, लेकिन ग्रहण के बाद जलाया गया दीप कार्तिक पूर्णिमा का दीपदान नहीं माना जाएगा।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 7 नवंबर 2022 सोमवार को शाम 4.15 पर।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 8 नवंबर 2022 मंगलवार को शाम 4.31 पर।
दीपक जला सकते हैं क्या : पूर्णिमा की रात्रि में दीपदान करने का महत्व है। 7 नवंबर 2022 सोमवार को पूर्णिमा तिथि की रात रहेगी। अत: इस दिन रात्रि में मंदिर या नदी के तट पर दीपदान किया गया है, क्योंकि दूसरे दिन चंद्र ग्रहण है। कई लोग उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा की पूजा करते या दीप जलाते परंतु 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने के साथ ही पूर्णिमा तिथि समाप्त हो रही है। वैसे उदया तिथि के अनुसार आज कार्तिक पूर्णिमा पर शाम को मोक्ष काल के बाद दीपक जला सकते हैं।
कार्तिक स्नान : कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन प्रात: स्नान करने की परंपरा है। उदया तिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 8 नवंबर 2022 को होगा। इस दिन किया गया दीपदान जातक को असमय या अकाल मृत्यु से बचाता है। कार्तिक मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं। इसीलिए पूर्णिमा के दिन स्नान करना अति उत्तम माना गया है। इस दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता है। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें।