Shravan Vinayaka Chaturthi 2023: प्रतिमाह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता हैं। इस बार श्रावण माह में इस चतुर्थी पर 5 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस तरीके से रखें व्रत और कैसे करें पूजा। शुभ योग में व्रत रखकर श्रीगणेशजी की पूजा करने से वे प्रसन्न होकर भक्त के हर तरह के विघ्न दूर करेंगे।
विनायक चतुर्थी तिथि के दिन हैं 5 शुभ योग:
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सर्वार्थ सिद्धि योग- 20 अगस्त 2023, सुबह 06:05 से सुबह 04:22, अगस्त 21
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रवि योग- 20 अगस्त 2023, सुबह 06:05 से सुबह 04:22, अगस्त 21
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अमृत सिद्धि योग- 20 अगस्त 2023, सुबह 06:05 से सुबह 04:22, अगस्त 21
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साध्य योग- 19 अगस्त 2023, रात 09:18 - 20 अगस्त 2023, 09:58
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शुभ योग- 20 अगस्त 2023, 09:58 - 21 अगस्त 2023, रात 10.20
गणेश चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त:-
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अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:04 से 12:56 तक।
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विजय मुहूर्त- दोपहर 02:38 से 03:30 तक।
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अमृत काल- रात्रि 09:43 से 11:29 तक।
कब है विनायक चतुर्थी?
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विनायक चतुर्थी के दिन इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
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इस बार 20 अगस्त 2023, रविवार को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जा रहा है।
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श्री गणेश जी का जन्म समय मध्यकाल होने के कारण विनायक चतुर्थी पर उनका पूजन दिन में ही किया जाता है।
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चतुर्थी पर श्री गणपति जी की पूजा करने से धन-सुख और संतान प्राप्ति होती है।
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साथ ही इस व्रत से व्यापार, करियर, नौकरी में उन्नति होती है।
कैसे करें विनायक चतुर्थी के दिन गणेशजी का पूजन:-
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श्री विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
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दोपहर पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
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संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
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तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
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अब गणेश मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
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श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।
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इनमें से 5 लड्डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
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पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
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ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
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शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
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संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें।
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'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र की कम से कम 1 माला अवश्य जपें।
कैसे रखें विनायक चतुर्थी का व्रत?
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चतुर्थी तिथि के दिन सुबह उठकर स्नान व ध्यान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
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फिर हाथ में चावल व जल लेकर व्रत रखने का संकल्प करें।
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चतुर्थी को पूर्णोपवास नहीं रख रहे हैं तो एक समय भोजन कर सकते हैं।
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एक समय भोजन कर रहे हैं तो दूसरे समय फरयाली नहीं खाना चाहिए।
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निर्जल व्रत के साथ-साथ फल खा सकते हैं। इसमें आप मीठे फलों का सेवन कर सकते हैं।
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इस दिन सायंकाल श्री गणेश पूजन के बाद पारण करें।