इस बार कालाष्टमी 29 नंवबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रूप काल भैरव की आराधना की जाती है। इनका एक नाम दंडपाणी भी हैं।
भैरव की सवारी काला कुत्ता है। कालाष्टमी जयंती के दिन कई ऐसे काम हैं जिन्हें करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। काल भैरव जयंती की रात को काल भैरव की अर्चना करनी चहिए। इस दिन जप, पाठ और हवन आदि करने से मृत्यु तुल्य रोग-कष्ट भी दूर होते हैं। इनका व्रत रख उपासना करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।
आइए जानते हैं कालाष्टमी के दिन न करने वाले काम, जिन्हें अगर आपने किया तो जिंदगी भर पछताना पड़ेगा-
काल भैरव जयंती के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
अन्न ग्रहण न करें। ये नियम केवल उनके लिए हैं जो व्रत करेंगे।
गंदगी न करें। घर की साफ-सफाई करें।
कुत्ते को मारे नहीं। संभव हो तो कुत्ते को भोजन कराएं।
नमक न खाएं। नमक की कमी महसूस होने पर सेंधा नमक खा सकते हैं।
माता-पिता और गुरु का अपमान न करें।
बिना भगवान शिव और माता पार्वती के काल भैरव पूजा नहीं करना चाहिए।
रात में सोना नहीं चाहिए। संभव हो तो जागरण करें।