Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

हमें फॉलो करें कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

WD Feature Desk

, बुधवार, 1 मई 2024 (09:58 IST)
Kalashtami puja 2024
 
HIGHLIGHTS
 
• 01 मई को मासिक कालाष्टमी पर्व।
• कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप की उपासना करते हैं।
• कालभैरव देव के पूजन का दिन कालाष्टमी

ALSO READ: Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त
 
masik kalashtami : वर्ष 2024 में 01 मई, दिन बुधवार को मासिक कालाष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। इस बार यह व्रत वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि को पड़ा है, जिसमें भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव की उपासना की जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार कालाष्टमी व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो कि भगवान शिव के अन्य स्वरूप को समर्पित है। 
 
कालिका पुराण के अनुसार श्री भैरव को शिव जी का गण कहा गया है, जिनका वाहन कुत्ता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने पापियों का विनाश करने के लिए रौद्र रूप धारण किया था। वैसे तो प्रमुख कालाष्टमी पर्व 'कालभैरव जयंती' के दिन मनाया जाता है, लेकिन कालभैरव के भक्त हर महीने ही कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर भैरव जी की पूजन-अर्चन करके व्रत रखते हैं, ताकि उनके समस्त कष्टों को भगवान कालभैरव हर लें और वे सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें। 
 
आइए जानते हैं कालभैरव पूजन और मुहूर्त से संबंधित खास जानकारी...
 
कालाष्टमी पर पूजन के शुभ मुहूर्त : kalashtami date n time 2024
 
आपको बता दें कि 01 मई के दिन कालाष्टमी पर्व शुभ योग और शुक्ल योग मनाया जा रहा है। तथा आज दिन भर शिववास का योग बनने के कारण यह दिन कालभैरव, शिव-पार्वती जी उपासना के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 
 
कालाष्टमी व्रत : 01 मई 2024, बुधवार
 
वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ- 01 मई 2024, बुधवार को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से
वैशाख अष्टमी का समापन- 02 मई 2024, गुरुवार को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर। 
 
आज के शुभ संयोग : 
 
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 55 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक
-निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
 
 
वैशाख कालाष्टमी पूजा विधि- kalashtami worship 2024
 
- नारद पुराण के अनुसार कालाष्टमी के दिन शिव के रौद्र रूप कालभैरव और देवी मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट मिट जाते हैं।
- इस रात देवी काली की उपासना करने वालों को अर्द्धरात्रि के बाद मां की उसी प्रकार से पूजा करनी चाहिए।
- जिस प्रकार दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि को देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है।
- इस दिन शक्ति अनुसार रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनकर जागरण का आयोजन करना चाहिए।
- कालभैरव की सवारी कुत्ता है अतः इस दिन कुत्ते को भोजन करवाना शुभ माना जाता है।
- इस दिन भैरव चालीसा, दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- इस दिन व्रत रखने वाले साधक को पूरा दिन 'ॐ कालभैरवाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए। 
- इस दिन व्रती को फलाहार ही करना चाहिए।
- भैरव साधना करने वाले व्यक्ति को समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
 
तंत्र साधना में भैरव के 8 स्वरूपों यानी असितांग भैरव, रुद्र भैरव, चंद्र भैरव, क्रोध भैरव, उन्मत्त भैरव, कपाली भैरव, भीषण भैरव, तथा संहार भैरव की उपासना की बात कही गई है। मान्यतानुसार कालाष्टमी के दिन रात्रि में चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही यह व्रत पूरा होना माना जाता हैं। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन