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लाभ पंचमी का शुभ दिन दिवाली से भी बड़ा है, कारोबार की सफलता के लिए करें इस खास रीति से पूजा

हमें फॉलो करें लाभ पंचमी का शुभ दिन दिवाली से भी बड़ा है, कारोबार की सफलता के लिए करें इस खास रीति से पूजा
Labh Panchami 2022
 
दीपावली के ठीक 5 दिन बाद आने वाली कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी पर्व (Labh Panchami) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन व्यापार, कारोबार में सफलता दिलाने वाला तथा दिवाली से भी बड़ा दिन माना जाता है।

इसे अन्य नाम सौभाग्य पंचमी, पांडव पंचमी से भी जाना जाता हैं। इस दिन को सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी या लेखनी पंचमी के रूप में भी जाना जाता है। सौभाग्य और लाभ शब्द से ही स्पष्ट है कि अपने नाम की तरह यह दिन कितना मंगलकारी तथा सौभाग्य और लाभ से जुड़ा है।
 
इस वर्ष लाभ पंचमी की यह शुभ तिथि 29 अक्टूबर 2022, शनिवार को पड़ रही है। इस दिन से नए बहीखाते लिखना प्रारंभ करने का भी विशेष महत्व है। 
 
आइए जानें कैसे करें पूजन- 
 
- इस दिन अलसुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर नए वस्त्र या साफ-स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें। 
 
- घर या दुकान, व्यवसायिक प्रति‍ष्ठान के मंदिर की साफ-सफाई करके मां सरस्वती, भगवान श्री गणेश तथा धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। 
 
यह दिन सभी तरह की सांसारिक कामनाओं की पूर्ति करने वाला माना जाता है, अत: पूरे मन से शिव जी का पूजन करें तथा परिवार में सुख-शांति और कष्‍टों से मुक्ति का वरदान भोलेनाथ से प्राप्त करें। 
 
- जो लोग दिवाली पर मां सरस्वती, श्री गणेश और देवी लक्ष्मी का पूजन नहीं कर सके उनके लिए यह दिन बहुत लाभदायी होता हैं, क्योंकि लाभ पंचमी के दिन पूजन से व्यापार में नित नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती है। 
 
- इस दिन बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने के लिए किताबों का पूजन किया जाता हैं। 
 
- इस दिन से नए बहीखाते लिखना प्रारंभ करने से कारोबार में सफलता मिलती हैं। अत: नए बहीखाते अवश्य लिखें। 
 
- बही खाते में लिखते समय दाईं तरफ लाभ और बाईं तरफ शुभ लिखने से जीवन में शुभता का संचार होता है। 
 
- इस दिन नए खाता बही खोलकर उसमें बाईं ओर शुभ और दाईं ओर लाभ बनाने तथा पहले पृष्ठ के केंद्र में शुभ प्रतीक बनाकर व्यापार की शुरुआत करें। 
 
- साथ ही लाभ पंचमी के दिन नए बही खाते लिखने की शुरुआत करते समय भगवान श्री गणेश का स्मरण करें ताकि आपका आने वाला जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहें।
 
- इस दिन श्री गणेश, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती की आरती करें। 
 
- देवी-देवताओं को मिठाई का भोग चढ़ाकर देवी लक्ष्मी से अपने लिए दिव्य आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
 
- इस दिन अधिक से अधिक लक्ष्मी जी, सरस्वती तथा श्री गणेश एवं शिव जी के मंत्रों का जाप करें। 
 
- इस दिन गरीबों तथा असहाय लोगों को भोजन, वस्त्र, रुपए-पैसे तथा अन्य जरूरी सामग्री का दान अवश्‍य दें। 
 
- यह शुभ तिथि विशेष रूप से दीप पर्व का हिस्सा माना जाता है। अत: इस दिन यानी दिवाली के बाद आने वाले लाभ पंचम के दिन दुकान मालिक या व्यापारी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत करें तो निश्चित ही लाभ होगा।
 
 
लाभ पंचमी का दिन विशेष तौर पर एक खास तरह का लाभ पाने के लिए अतिश्रेष्ठ माना गया है। इस संबंध में यह मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री गणेश का पूजन करने से व्यापार में मनोवांछित लाभ तथा शिव-पार्वती का पूजन करने से सौभाग्य प्राप्ति, सुख-शांति, घर-परिवार में समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।

माता लक्ष्मी की कृपा से अपार धनलाभ तथा सरस्वती की कृपा से वाणी की शुद्धि होकर उसके मिठास का वास होता है। अत: लाभ या सौभाग्य पंचमी का दिन व्यापार में तरक्की की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। दीपावली का दीप पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन जीने का प्रतीक होने के कारण यह सभी इच्छाओं को पूरा करने की प्रेरणा लेने का शुभ अवसर माना जाता है। अत: इस दिन पूरे मनोभाव से पूजन करना ना भूलें। इतना ही नहीं गुजरात में लाभ पंचम के दिन को गुजराती नववर्ष का पहला कार्य दिवस भी माना जाता है। 

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