* भगवान कार्तिकेय के पूजन से होगा रोग, दुःख और दरिद्रता का निवारण
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आनेवाली चम्पा यानी स्कंद षष्ठी अति महत्वपूर्ण मानी गई है। यह व्रत भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस 2017 में यह व्रत 24 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जा रहा है।
माना गया है कि भगवान कार्तिकेय का पूजन मनोकामना सिद्धि को पूर्ण करने में सहायक है। इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से रोग, राग, दुःख और दरिद्रता का निवारण होता है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार स्कन्द षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि स्कन्द षष्ठी एवं चम्पा षष्ठी के महायोग का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी, ऐसा पुराणों में वर्णन है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन-अर्चन का विशेष महत्व है। इस दिन ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
'मासानां मार्गषीशरेअहम' अर्थात् महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं, ऐसा कहकर भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस महीने को बहुप्रतिष्ठित कर दिया। क्योंकि मार्गशीर्ष/अगहन मास भगवान श्रीकृष्ण का माह माना गया है।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में व अनेक नामों से की जाती है। इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी श्रीकृष्ण का रूप है। अत: यह मास पूजा-पाठ की दृष्टि से सर्वोत्तम मास है।